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पवन ऊर्जा ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 110 मिलियन कारों के धुएं से दी निजात

-जनपथ, क्या आपको पता है एशिया पैसिफिक के जिस क्षेत्र में आप और हम रहते हैं, वहां विंड एनर्जी की मौजूदा उत्पादन क्षमता इतनी है कि अगर उतना बिजली उत्पादन कोयले से हो तो 510 मिलियन टन का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा? जी हाँ, सही पढ़ा आपने। दूसरे शब्दों में कहें तो बिजली उत्पादन के इस विकल्प के प्रयोग से कार्बन डाइऑक्साइड का उतना उत्सर्जन टाला जा सका जितना 110 मिलियन कारें...

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भारत के जलवायु आंदोलन को राह दिखाते युवा पर्यावरण संगठन

-कारवां, चेन्नई के एक लेखक और शोधकर्ता नित्यानंद जयारमन ने 19 जनवरी को अडाणी वॉच नाम की एक वेबसाइट पर दुनिया भर में युवाओं द्वारा चलाए जा रहे 25 से अधिक पर्यावरणीय संगठनों की अडाणी समूह के खिलाफ हफ्ते भर के विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. जयरामन की पोस्ट का शीर्षक था : "अडाणी को रोकने के लिए युवाओं की योजना (वाईएएसटीए), 27 जनवरी से 2 फरवरी". इसमें आगे लिखा था, "वाईएएसटीए...

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20 वर्षों में 120 फीसदी बढ़ा स्टील और सीमेंट जैसी सामग्री के उत्पादन से होने वाला उत्सर्जन

-डाउन टू अर्थ, 1995 से 2015 के बीच सामग्री उत्पादन के कारण होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 120 फीसदी का इजाफा हुआ है। शोध के अनुसार 1995 में जहां सामग्री उत्पादन से 500 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हुआ था, वो 2015 में बढ़कर 1,100 करोड़ मीट्रिक टन पर पहुंच गया था। यदि सामग्री निर्माण की वैश्विक उत्सर्जन में हिस्सेदारी देखें तो वो इस अवधि में 15...

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दिशा रवि की गिरफ़्तारी हम सबके मुंह पर इस सत्ता का बूट है…

-द वायर, दिशा रवि की गिरफ्तारी हम सबके मुंह पर इस सत्ता का बूट है. हमें बतलाया जा रहा है कि इस मुल्क में किसी की कोई कीमत नहीं, किसी का लिहाज नहीं, कोई हद नहीं जो यह सत्ता लांघने में हिचक महसूस करे. यह सत्ता अपने समर्थकों को रोज़ एक मांस का टुकड़ा फेंक रही है. उनके मुंह में खून जो लग गया है! आज वह दिशा रवि है, कल मुनव्वर फ़ारूकी था, कल कोई...

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जलवायु संकट पर बात करनी होगी, वरना गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहिए

लंदन स्थित एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनक्रिश्चियन एड की एक हालिया रिपोर्ट का कहना है कि 2020 में दुनिया पर सिर्फ COVID-19 महामारी की मार ही नहीं पड़ी थी, बल्कि वास्तव में उसे जलवायु संकट के तीव्रीकरण के कारण जीवन और आजीविका के बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना भी करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में आग, चीन, भारत और जापान में बाढ़, यूरोप और अमेरिका में तूफान...

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