खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »SEARCH RESULT
भारत के 20,328 अरब रूपए भ्रष्टाचार, कर चोरी में खर्च, देश के बाहर भेजी गई रकम
वाशिंगटन. भारत ने स्वतंत्रता के बाद से 2008 तक 20,556 अरब रुपए या करीब 20 लाख करोड़ (462 बिलियन डॉलर) भ्रष्टाचार, अपराध और टेक्स चोरी के कारण गंवाई है। वाशिंगटन में हुए एक अध्ययन के बाद भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और झटका लगने की आशंका बढ़ गई है। वाशिंगटन के एक आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ समूह ग्लोबल फाइनेंशियस इंटिग्रिटी(जीएफआई) ने हाल ही में जारी ‘द ड्राइवर्स एंड डायनामिक्स ऑफ...
More »एमजीएनआरईजीएस के तहत और मद शामिल नहीं
नयी दिल्लीः सरकार का महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के अंतर्गत और अधिक मदों को शामिल करने का फ़िलहाल कोई विचार नहीं है. ग्रामीण विकास मंत्री डॉ सी पी जोशी ने आज राज्यसभा में बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर महात्मा गांधी नरेगा के प्रभाव के आकलन के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया गया है. जोशी ने बताया कि एक अप्रैल 2008 से देश के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों को महात्मा गांधी नरेगा...
More »आदिवासी सहकारी समितियों की बदलेगी सूरत
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। अगर सरकार की मंशा सफल हो गई तो किसानों व ग्रामीण इलाकों में कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि कर्ज समितियां और आदिवासी सहकारी समितियां शीघ्र ही मजबूत संस्थानों के तौर पर काम करने लगेंगी। केंद्र सरकार इन समितियों को सीमित आधार वाले मजबूत वित्तीय संस्थानों में तब्दील करने पर विचार कर रही है, ताकि दूर-दराज के इलाकों व बेहद पिछड़े वर्ग में तेजी से बैंकिंग सेवा...
More »खाद्य सुरक्षा- अधूरी पहल
महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
More »