आसनसोल : विकासशील देशों के लिस्ट में लगातार आगे बढ़ रहे भारत में अब भी लाखों बच्चे ऐसे हैं जो हर दिन लोगों द्वारा फ़ेके हुए कचरे से अपना पेट भरते हैं. शनिवार को आसनसोल रेलवे स्टेशन के सात नंबर प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला. चार गरीब बच्चे कचरे के पास पहुंचे और एक पॉलिथिन को उठा-उठा कर देखने और खोलने लगे. एक पॉलिथिन में कुछ बचा हुआ...
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कन्या हंता समाज?- संपादकीय(दैनिक भास्कर)
शिक्षा और समृद्धि के साथ मनुष्य उदात्त होता है, यह आम धारणा है। लेकिन लड़कियों के प्रति भारतीय समाज का बनता नजरिया इस धारणा पर गहरी चोट करता है। मशहूर पत्रिका ‘लैंसेट’ ने यह राज खोला है कि भारतीय समाज में जन्म से पहले ही हत्या का शिकार हो रही बेटियां आमतौर पर वो हैं, जो सामान्यत: शिक्षित और समृद्ध घरों में जन्म लेतीं। यह आंकड़ा अपने आप में बेहद दुखद...
More »मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...
More »बताने होंगे जाति, धर्म - सार्वजनिक नहीं होंगे आंकड़े -
नयी दिल्ली : कैबिनेट ने जाति और धर्म आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी. ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबी रेखा से नीचे रहनेवालों की गणना को भी मंजूरी मिल गयी. गणना का काम जून से शुरू होगा. दिसंबर तक खत्म हो जायेगा. इस पर करीब 3500 करोड़ खर्च होंगे. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने यह जानकारी...
More »गोदाम अनाज से भरे फिर भी भूख से मौतें क्यों?: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. देश में भूख से मौतों के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। उसने केंद्र से पूछा है कि जब अनाज के गोदाम लबालब भरे हैं। बंपर फसल भी हुई है। फिर भी देश में भुखमरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल)की संख्या हर राज्य में केवल 36 फीसदी मानने पर भी योजना आयोग को कड़ी फटकार लगाई।...
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