कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...
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वर्ष 2025 तक भारत में हो जाएगी पानी की कमी
नयी दिल्ली: भारत के अगले दस सालों में यानि 2025 तक जल संकट की समस्या से घिरने की आशंका है. केंद्र सरकार ने जल क्षेत्र की एक कंसलटेंट कंपनी द्वारा कराए गए अध्ययन का हवाला देते हुए आज लोकसभा में यह जानकारी दी. जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि कंसलटिंग कंपनी एवरीथिंग अबाउट वाटर ने अपने अध्ययन में पाया...
More »छत्तीसगढ़--14 सालों में साढ़े 14 हजार से अधिक किसानों ने की आत्महत्या
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले 14 सालों में 14793 किसानों ने आत्महत्या की है। ये रोंगटे खड़े कर देने वाले आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। किसानों की खुदकुशी का यह ग्राफ और भी भयानक हो सकता था, लेकिन एनसीआरबी ने 2011 से 2013 की अवधि में ऐसी मौतों की गणना नहीं की। खेती की बढ़ती लागत, खेती में हो रहे लगातार नुकसान के चलते किसान...
More »बढ़ती कीमत से परेशान सरकार करेगी 10 लाख टन प्याज आयात
राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य शहरों में प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंचने के बाद सरकार ने पाकिस्तान, चीन, मिश्र से 10,000 टन प्याज आयात करने का आदेश दिया है। हालांकि,एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्याज कीमतों से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि देश में इसका स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। देश में प्याज की कीमतों का रुख तय करने वाली थोक मंडी...
More »किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा
गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...
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