आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
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नीति आयोग से बोले CM, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का बढ़े मानदेय
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग को सुझाव दिया कि मिड डे मील योजना और आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिये जा रहे पोषाहार को बंद कर उसकी राशि सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाये. साथ ही केंद्र से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका और मिड डे मील के तहत रसोइयों का मानदेय बढ़ाने का अनुरोध किया. उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं में ऐसे कर्मियों को संविदा पर...
More »अवसाद की फैलती महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी
आत्महत्या करने से बड़ा कोई अपराध नहीं है. हाल में तीन जाने-माने लोगों ने आत्महत्या की है. इसके अलावा ऐसी भी कई खबरें सामने आयीं कि 10वीं और 12वीं के नतीजों के बाद कुछ बच्चों ने भी आत्महत्या कर ली. जब-तब किसानों के भी आत्महत्या करने की खबरें आती रहती हैं. यह प्रवृत्ति गंभीर रूप धारण करती जा रही है. हाल में आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने...
More »मजदूर दिवस पर बोले ज्यां द्रेज़- NREGA को जिंदा रखने के लिए मजदूरी दर बढ़ाना जरूरी
मजदूर दिवस यानी मे डे के मौके पर सरकार कई दावे कर रही है. सरकारी आंकड़ों में कहा जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ रही है. लेकिन, जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका मानना है कि वास्तव में विकास की दर नहीं, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार यह तय करती है कि देश कितनी तरक्की कर रहा है. ज्यां द्रेज़ सोनिया...
More »तेल के अर्थशास्त्र में उलझा देश-- दीपक नैय्यर
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें इन दिनों खबरों में हैं। मई के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य लगातार 16 बार बढ़े। 28 मई को तो ये पिछले चार वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे थे। हालांकि 29 मई को प्रति लीटर एक पैसे की कमी की गई थी, जिसे मजाक ही कहा जा सकता है। इसके बाद 5 जून तक हर दिन इसकी कीमतें कुछ-कुछ...
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