टना : बिहार में शराबबंदी के राज्य सरकार के फैसले के पीछे निर्णायक भूमिका निभानेवाली जीविका की दीदियों ने कारोबार में भी अपनी अलग पहचान बना रही हैं. उन्होंने इस साल अब तक 11 हजार मीट्रिक टन मक्के की खरीद-बिक्री कर जहां हजारों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने की पहल की है, वहीं उनके द्वारा तैयार की गयी अगरबत्ती आइटीसी कंपनी और शहद को डाबर कंपनी खरीद रही...
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अकथ कहानी खेत की-- राकेश दीवान
जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
More »ओरमांझी : एक और किसान ने तंगी व बीमारी से परेशान होकर खाया जहर, अस्पताल में दम तोड़ा
ओरमांझी : राजधानी रांची में एक और किसान ने आत्महत्या कर ली. ओरमांझी थाना क्षेत्र के विजांग गांव का रहनेवाला राजदीप नायक (32) बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान था. इन्हीं परेशानियों से तंग आकर गुरुवार को उसने कीटनाशक खा लिया था. पहले से अार्थिक तंगी की मार झेल रहे परिजनों ने किसी तरह पैसों की व्यवस्था कर उसे इरबा स्थित मेदांता अस्पताल में भरती कराया था. पर डॉक्टर राजदीप...
More »क्या 'आर्थिक क्रांति' हो गयी है?-- रविभूषण
क्या सचमुच 1 जुलाई, 2017 से 'एक नये भारत का निर्माण' हो चुका है- 'आर्थिक भारत का निर्माण'? निश्चित रूप से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) आजादी के बाद देश की कर-व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि 17 कर और 26 उपकर समाप्त हो गये हैं, 36 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों वाले इस बड़े देश में अब एक कर और एक बाजार है. पर, जीएसटी लागू किये जाने...
More »सेवानिवृत्ति के बाद--- क्षमा शर्मा
अट्ठावन साल पर रिटायरमेंट क्या हुआ, सलाह देने वालों की बाढ़ आ गई। किसी ने कहा- अब तो आप बेटे के पास जाकर अपने पोते को खिलाइए। फिर पूछा- बहू तो अच्छी है न! मन में कहीं यह सुनने-जाने की जिज्ञासा थी कि बेटे-बहू से बनती है कि नहीं। फिर अगर उम्रदराज औरत हो तो उसका स्टीरियो टाइप भी नहीं बदला है कि उसका एकमात्र काम बुढ़ापे में अपने बच्चों...
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