मई की एक तपती हुई दोपहर को मैं नई दिल्ली में योजना आयोग भवन के सामने एक विचित्र विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ था। प्रदर्शनकारी तख्तियां लहरा रहे थे, जोशोखरोश से नारे लगा रहे थे, लेकिन साथ ही वे देश की शीर्ष योजना निर्मात्री संस्था के सदस्यों के लिए कुछ ‘भेंट’ भी लेकर आए थे। उनकी भेंट ठुकरा दी गईं और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने मामूली झड़प के बाद...
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घर बैठे 40 रु. में बनेगा मूल निवास प्रमाण-पत्र
जयपुर. आम आदमी को अब मूल निवास प्रमाण-पत्र बनाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। तहसील स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटरों सीएसएस व ई-मित्र कियोस्कों पर 40 रु. शुल्क देकर डिजिटल हस्ताक्षर वाला मूल निवास प्रमाण-पत्र ले सकेंगे। गृह विभाग ने ई मित्र कियोस्कों और सीएसएस के लिए फीस व अन्य गड़बड़ियों पर 2000 रु. जुर्माना करने और मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया है। साथ ही...
More »बाढ से हाहाकार, प्रदेश के 120 गांवों का जनजीवन अस्तव्यस्त
लखनऊ। बाराबंकी तथा गोण्डा जिले में एल्गिन-चरसड़ी बांध और उसे बचाने के लिए बने रिंग बांध के ध्वस्त हो जाने से बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है और हालात जस के तस बने हुए हैं जबकि तेजी से बढ रहे घाघरा के जलस्तर से बहराइच जिले के कई गांव बाढ से घिर गये। बाराबंकी जिले के 12 बहराइच के 24 और गोण्डा के 80 गांवों और मजरों में बाढ का पानी...
More »पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण
नई दिल्ली। पंचायत के सभी स्तरों में महिलाओं के आरक्षण को एक तिहाई से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक में आवश्यक सरकारी संविधान संशोधन पेश करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। महिलाओं को पंचायतों में हर स्तर पर 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने वाले इस एस सौ दसवें संविधान संशोधन विधेयक को 26 नवंबर 2009 में लोकसभा में पेश किया गया था।...
More »शहरों ने लील लिए 490 गांव
भोपाल। शहरीकरण के मामले में मप्र भी देश के अन्य राज्यों के नक्शेकदम पर है। जनगणना के ताजा अंतरिम आंकड़ों के अनुसार पिछले दस सालों में मप्र के करीब सवा फीसदी लोग गांवों से निकलकर शहरों में बस गए हैं। प्रदेश में शहरों की संख्या में 82 का इजाफा हुआ है, जबकि 490 गांव कम हो गए। हालांकि राज्य के अब भी सवा पांच करोड़ (72.37 फीसदी) लोग गांवों में ही...
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