कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
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रिजर्व बैंक करेगा सूदखोरों की छुट्टी: साहू
बरेली। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस देश के गरीबों को साहूकारों के चंगुल से निकालने के लिए कई नई योजनाएं शुरू करायी है। बैंक गरीब किसानों के जीरो बैलेंस खाते खुलवा रहे है। साथ ही साहूकार का कर्ज चुकाने के लिए जरूरत का हलफनामा देने पर 50 हजार रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी-गिरवी के दे रहे हैं। रिजर्व बैंक के यूपी एवं उत्तराखंड के निदेशक डा. अमरेन्द्र साहू ने...
More »निजी क्षेत्र बैंक गरीबों की योजना में ले रहे रूचि
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने कहा है कि निजी क्षेत्र के बैंक भी इलेक्ट्रानिक बेनिफिट ट्रांसफर [ईबीटी] स्कीम में रूचि ले रहे हैं। ईबीटी मनरेगा जैसी महती परियोजनाओं में लोगों तक बैंक खाते के जरिए धन हस्तांतरण का एक मजबूत जरिया बनकर उभरा है। यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर नजफगढ़ के पास खेड़ा डाबर गांव में वित्तीय समावेश के लिए आयोजित के एक कार्यक्रम के दौरान रिजर्व बैंक...
More »ये भला कैसा वेदांत?- सुनीता नारायण
कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
More »विफलता का दूसरा चक्र कानकुन- महेश राठी
संयुक्त राष्ट्र संघ के जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों की शुरुआत जहां दुनिया भर के राजनेताओं, पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों के लिए पिघलते हुए ग्लेशियर, जलस्तर बढ़ते महासागरों, धसकते पहाड़ों, बदलते मौसम और गर्म होती धरती की चिंताओं का केंद्र थी, वहीं कोपेनहेगन और कानकुन तक पंहुचते यह चिंता विकसित दुनिया के हितों को साधने की कूटनीतिक चालों को पूरा करने के साधन स्थलों में बदल चुकी थी। अंततोगत्वा इस नीले ग्रह को बचाने...
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