केंद्र सरकार विवादास्पद भूमि अधिग्रहण पर तीसरी बार अध्यादेश ला सकती है। राज्यसभा में अल्पमत के चलते इससे जुड़े बिल को संसद की मंजूरी दिलाने में नाकाम सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को इस मुद्दे पर बैठक की। इसमें भू-अधिग्रहण अध्यादेश को फिर से लागू किए जाने की मंजूरी दी गई। विधेयक संसद की संयुक्त सचिव के पास विचाराधीन: मौजूदा अध्यादेश की अवधि 3 जून को खत्म हो रही है,...
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पानी की वैश्विक राजनीति- डा. भरत झुनझुनवाला
पानी की अधिक खपत करनेवाली फसलों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. गुलबर्गा में रागी, जोधपुर में बाजरा और उत्तर प्रदेश में चावल और गेहूं की खेती करने से हमारे जल संसाधन सुरक्षित रहेंगे और देश की खाद्य सुरक्षा स्थापित होगी. असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि चीन यात्र के दौरान ब्रह्म पुत्र नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे को हल करें. मीडिया रपटों की...
More »जमीन पर छवि चमकदार नहीं- हरि जयसिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुआयामी शख्सियत के धनी हैं। आज जब वे प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर रहे हैं तो उनके शुभचिंतक-प्रशंसक और उनके निंदक-आलोचक दोनों ही अलग-अलग दृष्टिकोणों से इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस एक साल में यह तो स्पष्ट कर ही दिया है कि आर्थिक सुधारों की डगर पर वह विपक्ष के रूप...
More »भारत 2025 तक बन जाएगा जल संकट वाला देश: रिपोर्ट
कभी भविष्यवाणी की गई थी कि दुनिया में अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा. दुनिया के करीब-करीब हर देश में पानी की मांग और आपूर्ति में अंतर जगजाहिर है. लेकिन हाल ही जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2025 तक जल संकट वाला देश बन जाएगा. अध्ययन में कहा गया है कि पानी की किल्लत को देखते हुए इस क्षेत्र में अगले कुछ साल में विदेशी कंपनियां 13 अरब डॉलर...
More »उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस
केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...
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