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बेमौसम बारिश से आलू और सरसों को नुकसान की आशंका, गेहूं को फायदा

बेमौसम बरसात सरसों और आलू की फसलों के लिए आफत बनकर आई है, क्योंकि सरसों में जहां इस बारिश से सफेद रतुआ की बीमारी का प्रकोप बढ़ने की संभावना है, वहीं खेतों में पानी भरने से आलू की फसल को नुकसान हो सकता है। गेहूं की फसल को इस बारिश से फायदा होगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ से होने वाली इस बारिश...

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तक़रीबन 60 करोड़ आधार नंबर पहले ही एनपीआर से जोड़े जा चुके हैं

 इस समय इस बात को लेकर विवाद चल रहा है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को आधार के साथ जोड़ा जाएगा या नहीं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये बताया गया है कि एनपीआर को आधार नंबर के साथ जोड़ा जाएगा. लेकिन गृह मंत्रालय का ये कहना है कि किसी भी व्यक्ति को कोई भी दस्तावेज देने को मजबूर नहीं किया जाएगा. हालांकि हकीकत ये है कि एनपीआर, 2020 की प्रक्रिया शुरू...

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जीवन भक्षक अस्पताल-1: देश के अस्पतालों में हर एक मिनट पर एक नवजात शिशु की मौत

इस देश में जच्चा-बच्चा कैसे सुरक्षित रह सकते हैं, जब स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर अस्पताल तक लोगों को समय से उपचार नहीं मिल रहा। संस्थागत प्रसव के बाद एक भी बच्चे की मौत तक व्यवस्था पर सवाल जिंदा बना रहेगा। रोजाना जन्मने वाले कुल शिशुओं मे 50 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले आठ ईएजी राज्य करते हैं। यहां स्थितियां बेहद जर्जर हैं। वहीं अन्य राज्यों में भी स्थिति को संतोषजनक नहीं...

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2018 में 23,764 लोगों ने बीमारियों के चलते आत्महत्या की, पंजाब में सबसे अधिक

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में हुई कुल 1,34,516 आत्महत्याओं ने 17.7 प्रतिशत आत्महत्या बीमारियों के कारण हुईं। पारिवारिक कारणों के बाद बीमारियां आत्महत्या का दूसरा सबसे बड़ा कारण हैं। एनसीआरबी के अनुसार, साल 2018 में बीमारियों के चलते कुल 23,764 लोगों ने जान दी। इनमें मानसिक रोगों के कारण जान देने वाले रोगियों के संख्या सबसे अधिक है। 2018 में कुल 10,134...

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मोटे अनाज की प्रोसेसिंग से बना सकते हैं 60 से अधिक उत्पाद

एक समय था जब दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती होती थी, लेकिन कम उत्पादन, मार्केट की समस्या से किसानों ने मोटे अनाज की खेती से मुंह मोड़ लिया। लेकिन एक बार फिर किसान इसकी खेती की तरफ लौट रहे हैं।   भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को सावां, कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रहे...

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