अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण विश्व के राष्ट्राध्यक्ष, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और विकास के मुद्दों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधी 20 से 22 जून 2012 को ब्राजील की राजधानी रियो दी जेनेरियो में एकत्रित होने जा रहे हैं। इस महासम्मेलन को रियो+20 का नाम दिया है क्योंकि 20 वर्ष पूर्व (1992) भी रियो में 172 सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरण और विकास के...
More »SEARCH RESULT
समूचा झारखंड बुधनी है, पर वह कहां है किसी को पता नहीं!- अश्विनी कुमार पंकज
बारह वर्षों के झारखंड में आज अगर हूल की प्रासंगिकता समझनी हो तो बुधनी को जानना जरूरी है। हालांकि सांस्कृतिक अतिक्रमण और हमले से गुजर रहे आज के झारखंड में अब ‘बुधनी’ जैसे ठेठ आदिवासी नाम नहीं मिलते हैं फिर भी रजनी, रोजालिया, रजिया जैसे नामों वाली आदिवासी स्त्रियां रोज ‘बुधनी’ बनने के लिए अभिशप्त हैं। कौन है यह बुधनी और ‘हूल’ के संदर्भ में उसकी चर्चा क्यों जरूरी है?...
More »हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट
भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...
More »बिहार में शिक्षकों से नहीं लिए जाएंगे अन्य कार्य
पटना| बिहार में अब स्कूल के शिक्षकों से सर्वेक्षण, आंकड़ा संकलन जैसे गैर-शिक्षण कार्य नहीं लिए जाएंगे। एक अधिकारी ने यह बात रविवार को कही। यह फैसला तब लिया गया जब हजारों शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और विशेषज्ञों ने कहा कि शिक्षकों को अन्य कार्यो में लगाने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। योजना एवं विकास विभाग के मुख्य सचिव विजय प्रकाश ने कहा, "स्कूल के शिक्षकों को केंद्र या राज्य...
More »ये स्लम बता देते हैं विकास का जमीनी सच, रिपोर्ट में खुलासा- रोहित की रिपोर्ट
पटना। भले ही राजधानी कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होती जा रही हो, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि इसकी बड़ी जनसंख्या स्लम में रहने को विवश है। इन स्लमों का हाल बहुत बुरा है। यह हाल तब है जब राजधानी में सबसे अधिक वोट स्लम क्षेत्र में मिलते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक राजधानी के स्लम क्षेत्रों में रहने वाले 90 प्रतिशत वयस्कों के पास मतदाता पहचान पत्र है...
More »