वर्ष 2016 को लेकर जारी की गई संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक सूची में कुल 188 देशों में भारत पिछले साल के 130वें स्थान से एक पायदान नीचे लुढ़ककर 131वें नंबर पर जा पहुंचा है, जबकि नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही में नोटबंदी और इसके विपरीत असर के बावजूद हमारी कुल सकल आय यानी जीडीपी में 7.1 प्रतिशत की प्रभावशाली...
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चेन्नई की सड़कों से यूरोप तक जयवेल का सफर
जयवेल का जन्म चेन्नई की गलियों में ही हुआ. उसके माता-पिता आंध्र के नेल्लोर गांव के किसान थे. वह भारी कर्ज में फंसे थे. उन्होंने अपनी जमीन बेची और काम की आस में शहर आ गये. महीनों तक काम ढूंढ़ने पर भी जब नाकामयाबी ही हाथ लगी तो भीख मांगकर गुजारा करना शुरू कर दिया. जयवेल भी बड़ी बहनों और छोटे भाई के साथ भीख मांगने लगे. इसके बावजूद...
More »क्यों जरूरी हैं विश्वविद्यालय?-- मणीन्द्रनाथ ठाकुर
आज के युग में यह विचार करना जरूरी है कि क्या भारत जैसे देश में उच्च शिक्षा पर खर्च करना जरूरी है? आखिर विश्वविद्यालयों पर इतना खर्च क्यों किया जाये? क्यों नहीं विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ा दी जाये? क्या इतने सारे छात्रों को शोध में लगाना उचित होगा? इन सारे प्रश्नों को लेकर हमें सोच-समझ कर ही अपनी राय बनाने का प्रयास करना चाहिए. भारत एक विकासशील देश है और...
More »भूख से लड़ना है, तो भोजन की बर्बादी पहले रोकिए-- पंकज चतुर्वेदी
बीते रविवार को ‘मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील करते हुए कहा कि ‘हम प्लेट भर ले लेते हैं, फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें, तो कितने लोगों का पेट भर सकता है?' प्रधानमंत्री ने जिस गंभीरता से भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है, उससे यह उम्मीद बंधी...
More »क्या असर होगा यूपी के खेतिहरों पर मांसबंदी का ?
अगर आपके मन में यह सवाल कौंध रहा है कि 'मांसबंदी' के नये फरमान के एकबारगी अमल में आने से यूपी के पशुपालकों पर क्या असर पड़ेगा तो नीचे लिखे तथ्यों को पढ़िए ! पशुगणना के नये आंकड़ों के मुताबिक देश में भैंस प्रजाति के पशुओं की संख्या 10 करोड़ 80 लाख है. इसका एक चौथाई से ज्यादा (28.7प्रतिशत) केवल यूपी में है. यूपी में भैंसों की संख्या राजस्थान से ढाई गुनी, आंध्रप्रदेश और गुजरात से तीन...
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