हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा न्यू तिरुपुर एरिया डिवेलपमट कार्पोरेशन लिमिटेड, (एनटीएडीसीएल) की याचिका खारिज कर दी गई है। कंपनी ने यह याचिका तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी जिसमें आयोग ने कंपनी को मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था। एक हजार करोड़ की लागत वाली एनटीएडीसीएल देश की पहली ऐसी जलप्रदाय परियोजना...
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मैली हो रही भगीरथी व अलकनंदा
उत्तकाशी/गोपेश्वर। उत्तराचल के अधिकांश नगरों को अब भी सीवर लाइन व सीवरेज प्लाट का इंतजार है। शासन का तमाम प्रस्ताव भेजे गए लेकिन बजट के अभाव में फाइलें धूल फाक रही हैं। नतीजतन, नालियों, पाइपलाइनों से होती हुई सीवर की गंदगी गंगा-भागीरथी, मंदाकिनी और सहायक नदियों में डाली जा रही है। तीर्थधाम बदरीनाथ में सीवर लाइनें सीधे अलकनंदा में खोली गई हैं। सरकारी लापरवाही से नगरों के नियोजित विकास तो बाधक है ही गंगा की...
More »व्यर्थ सभी प्रयास, कैसे बुझे प्यास
आगरा। बचपन में पढ़ी कहानी में कौए का जतन कर प्यास बुझाना तब परिश्रम का रोचक सबक था तो आज लाखों परिवारों की मजबूरी। ज्यों-ज्यों आबादी बढ़ी त्यों-त्यों घटे जल संसाधन। आज स्थिति विकराल हो गई। कहानी के हीरों की तरह पानी के लिए भटकने से दिन की शुरुआत करने को बाध्य हैं लाखों परिवार। यह हाल है आगरा मंडल के चार जिलों के साथ-साथ अलीगढ़ मंडल के एटा और काशीराम नगर का। भीषण गर्मी...
More »मानवीय चेहरा है बिहार पुलिस का!
पटना, जागरण संवाददाता। मनेर [पटना] के भोला राय और मसौढ़ी में सुरेश यादव की मौत-जैसे कुछ मामलों [नवंबर 2009 में मानवाधिकार आयोग ने दोनों मामले में पुलिस पर कार्रवाई की] को अपवाद मान लें तो कार्य की अधिकता और संसाधनों की अल्पता के बावजूद बिहार पुलिस का चेहरा मानवीय मूल्यों के प्रति सराहनीय है। यहां की पुलिस मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से बचती रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो...
More »आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला
“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के जज पी वी (रिटायर्ड)...
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