SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1757

जनता कौन है आखिर?- प्रेम प्रकाश पांडेय

भारत के संविधान में लोक-कल्याणकारी राज्य की स्थापना का स्पष्ट विधान है, जिसमें जन-प्रतिनिधियों, लोक-सेवकों और समूचे तंत्र को लोकहित में काम करने का स्पष्ट निर्देश भी है। 'सरकार' शब्द की कल्पना और अवधारणा ही इसी आधार पर टिकी हुई है। समाज ने जब पहली बार अपने लिए सरकार की जरूरत महसूस की होगी, तो उसके पीछे लोकहित, लोक सुरक्षा और लोकानुराग ही प्रमुख तत्व थे। इस बार 25 जनवरी को...

More »

सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय

जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन  अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...

More »

राजनीति का सूचकांक क्यों नहीं- अनिल जोशी

वर्तमान राजनीति में सभी असहाय-से लगते हैं। सबसे पीड़ित तो जनता ही है, जिसकी हर बार चुनाव में फेरबदल करने की कोशिश लगभग बेकार-सी हो जाती है, क्योंकि वही ढाक के तीन पात। राजनेता भी खुश-खुश से नहीं दिखते, क्योंकि अब चुनाव के बाद जो भी जनादेश आता है, वह आधा-अधूरा सा रहता है। फिर जोड़-तोड़ का नया खेल शुरू हो जाता है। मगर बात सत्ता की है, किसी न किसी...

More »

ठंड में कहां जाएं गरीब व बेसहारा

दुनिया के ज्यादातर देशों में लोकतंत्र है और जहां नहीं हैं वहां लोकतंत्र बहाली के आंदोलन चल रहे हैं क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर लोकतंत्र में व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा को सर्वाधिक महत्व प्राप्त है। लेकिन, आधुनिक लोकतंत्र को सर्वाधिक आकर्षक बनाने वाली यही बात उसे अंतर्विरोधी भी बनाती है। किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह की आजादी के मूल्य को ज्यादा तरजीह दी जाय तो वह शेष व्यक्तियों की आजादी, आपसी बराबरी और भाईचारे में...

More »

85 दौलतमंद लोगों के पास है धरती की आधी से ज्यादा संपत्ति: REPORT

दुनिया में अमीर और गरीब के बीच का फासला इस कदर बढ़ा है कि दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी संपत्ति है उतनी संपत्ति दुनियाभर के केवल 85 धनी व्यक्तियों के पास है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले आक्सफैम की वर्किंगग फार द फ्यू शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है।   इसमें विकसित एवं विकासशील दोनों तरह...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close