पानीपत. पेट की भूख और पैसे की ललक मासूमों का बचपन निगल रही है। जिले में बाल श्रमिक और ड्राप्ट आउट की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बेफिक्र हैं। सरकार ऐसे बच्चों को राइट टू एजूकेशन के तहत शिक्षित करने का बल दे रही है, लेकिन सरकार की यह कोशिश भी बाबूओं की कलम के नीचे दब गई है। सरकार की योजना की पहुंच...
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मुद्रास्फीति दर बढ़कर 10.16 फीसदी हुई
नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो की महंगाई का असर अब विनिर्मित उत्पादों में भी दिखने लगा है। खाद्यान्नों और कुछ विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से सकल उपभोक्ता वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई में दहाई अंक के आंकडे़ पर छलांग लगाती हुई 10.16 प्रतिशत हो गई। इससे पहले अप्रैल में मुद्रास्फीति 9.59 प्रतिशत थी। मई के आंकडे़ आने के साथ ही मार्च के मुद्रास्फीति के आंकड़ों को...
More »बाप के होते भी बेसहारा बच्चे
मुजफ्फरपुर [जाटी]। उत्तर बिहार में बाल श्रमिक उन्मूलन के लिए हवा में ही तलवारबाजियां हो रही हैं। रोज नए-नए दावे किए जाते हैं, लेकिन यहां के हर जिले में उन बच्चों की बड़ी तादाद है, जो बाप के होते भी बेसहारा हैं और बाल मजदूरी करने को विवश हैं। उन्मूलन के लिए सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों का कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पा रहा है। ...
More »महिला जज के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस
टीकमगढ़. जबलपुर फैमिली कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश पर अपनी बहू और उसके परिवार को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया गया है। हाई कोर्ट की अनापत्ति के बाद यह मामला जतारा थाने में दर्ज कराया गया। आरोप है कि उन्होंने अपनी बहू के पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। पुलिस ने इस मामले की पुष्टि कर दी है। इस मामले में प्रधान न्यायाधीश मीना भट्ट, उनके पति रिटायर्ड एडीजे पुरुषोत्तम भट्ट...
More »सवा लाख कैदियों की रिहाई से जेलें हुई हल्की
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। देश में न्यायिक सुधार लागू हो रहे हैं या नहीं, अगर इसका जवाब जानना है तो उन लोगों से पूछिए, जिन्हें सजा से ज्यादा कैद भुगतने के लंबे अरसे बाद रिहाई नसीब हुई है। पिछले तीन महीनों में देश की विभिन्न जेलों में बंद करीब सवा लाख विचाराधीन कैदी रिहा किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 29 हजार लोग उत्तर प्रदेश में रिहा हुए हैं। न्यायिक...
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