SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1755

तड़प-तड़प कर मर गई तीसरी कक्षा की छात्रा, शिक्षक नाश्ता करते रहे!

बालेसर (जोधपुर).आगोलाई के राजकीय बालिका प्राथमिक स्कूल में सोमवार सुबह तीसरी कक्षा की एक छात्रा की टांके में डूबने से मौत हो गई। स्कूल स्टाफ ने कुछ छात्राओं को दरियां व फर्श धोने के लिए पानी लेने भेजा था। स्टाफ कमरे में चाय-नाश्ता कर रहा था, तभी यह हादसा हुआ। इस दौरान अन्य छात्राओं ने स्टाफ को भी बुलाया, लेकिन कोई नहीं आया। ग्रामीणों ने बच्ची को बाहर निकालकर डॉक्टर...

More »

‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...

More »

गरीब पिता नहीं दिला पाया पुस्तक, तो बेटे ने दिया जिंदगी भर का गम

इंदौर। राजेंद्रनगर थाना क्षेत्र में गरीबी के चलते एक पिता बेटे के लिए पुस्तक नहीं खरीद पाए। इस बात का मलाल उन्हें जिंदगीभर रहेगा। आठवीं की पढ़ाई करने वाले बेटे को पिता ने कहा था कि मजदूरी के रुपए मिलते ही पुस्तक दिला दूंगा। वह पिता की बात से निराश हो गया। निराश भी ऐसा हुआ कि उसने मौत को गले लगा लिया। वह शनिवार को फंदे पर लटक गया। माता-पिता...

More »

कितना सुधार पाएंगे मनमोहन- परंजय गुहा ठाकुरता

देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...

More »

सिंगरौली में संघर्ष जारी है- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close