वादे की शक्ल में एक बड़ी बात 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सामने आ चुकी है- राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी की बात कही है. अभी तक चुनावी माहौल खोखली और शोरगुल से भरी टकराहटों के मार्फत बनता दिख रहा था- पिछले कुछ सालों में हम ऐसी टकराहटों के साक्षी बने हैं. याद करें: ऐन आखिर के लम्हे को वह चतुर-बौराहट भरी पहलकदमी जिसमें गरीब अगड़ी जातियों को...
More »SEARCH RESULT
आमदनी की गांरटी : सरकार की इच्छाशक्ति से ही संभव, जानें क्या है न्यूनतम आय गारंटी योजना व यूबीआइ?
प्रो अरुण कुमार अर्थशास्त्री इस समय सारा देश गांधीजी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है. गांधी ने कहा था कि अंतिम व्यक्ति की तरफ हमें ध्यान देना चाहिए. इस ऐतबार से यह एक उपयुक्त समय है राहुल गांधी के उस बयान के संदर्भ में कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो वह गरीबों के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना लायेगी. यह एक दार्शनिक बात हो गयी कि कोई...
More »प्राथमिक शिक्षा : तीन सालों में डेढ़ गुणा से ज्यादा बढ़ी है ड्रॉपआउट रेट
छब्बीस जनवरी की परेड में रंग-बिरंगे कपड़ों में हिस्सेदारी करते स्कूली बच्चों की तस्वीरें जब आप टेलीविजन पर देख रहे होंगे तो देश में प्राथमिक स्तर की शिक्षा के हालात बयान करती दो नई रिपोर्टस् सार्वजनिक जनपद में आ चुकी हैं. प्राथमिक स्तर की शिक्षा के सार्वीकरण के मोर्चे पर एक रिपोर्ट से अच्छी खबर निकलती है तो दूसरी रिपोर्ट से निकलते संकेत खतरे की घंटी हैं. इस न्यूज एलर्ट में...
More »राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की चुनौती-- जयंतीलाल भंडारी
इस समय देश के समक्ष चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान बढ़े हुए राजकोषीय घाटे की चिंताएं मुंह बाए खड़ी हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.24 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत रखा गया था। नवंबर, 2018 के अंत तक यह 7.17 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो बजट अनुमान से करीब 15 प्रतिशत ज्यादा है। इसका...
More »एमएसपी बढ़े तो किसान की आमदनी भी बढ़े, कोई जरुरी तो नहीं !
समर्थन मूल्य के बढ़ने पर क्या इस बात की गारंटी हो जाती है कि किसान को ऊपज का लाभकर मूल्य ही जायेगा ? और, क्या न्यूनतम समर्थन मूल्य के बढ़वार का खाद्य-वस्तुओं की महंगाई से कोई सीधा रिश्ता है, जैसा कि अर्थशास्त्रियों का एक तबका अक्सर तर्क देता है ? अगर आप सोच रहे हैं कि हां, ऐसा हो सकता है तो फिर नीचे लिखे तथ्यों को गौर से पढ़िये- हो सकता है,...
More »