- आउटलुक, “नए कानूनों से किसानों को खेती पर भी कॉरपोरेट के हावी होने का अंदेशा” अच्छे दिनां ने पंजाब दी किसानी डोब ती... (अच्छे दिनों ने पंजाब की किसानी डुबा दी) पंजाबी गायक मनमोहन वारिस का यह गाना इन दिनों प्रदेश के किसान आंदोलन में खूब बज रहा है। ये किसान खेतों में तैयार खड़ी फसलों की चिंता छोड़ रेल पटरियों पर तंबू लगाकर पड़े हैं। उन्हें फसलों के नष्ट होने...
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कैसे पंचवर्षीय योजनाओं ने हिंदुस्तान की आर्थिक बुनियाद को टेढ़ा कर दिया
-सत्याग्रह, अब तक हमने जाना कि कैसे आजादी के बाद 1948 में राज्यों का एकीकरण हुआ - हैदराबाद, जूनागढ़ की ना-नुकर और कश्मीर का एक लड़ाई और कुछ शर्तों के साथ हिंदुस्तान में विलय. 1949 में आरबीआई का राष्ट्रीयकरण हुआ और 1950 में देश अपने नये संविधान के साथ गणतंत्र बना. देखा जाए तो इसके साथ देश का भौगोलिक और संवैधानिक ढांचा बनकर तैयार हो गया था. अब बारी थी आर्थिक...
More »कृषि कानूनों में सुधार की दरकार
-आउटलुक, 5 जून 2020 को केंद्र सरकार कृषि से संबंधित तीन अध्यादेश ले आई। संसद के संक्षिप्त मानसून सत्र में इन तीनों अध्यादेशों को लोकसभा और राज्यसभा ने पारित कर दिया है। पहले विधेयक, ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2020’ का उद्देश्य अधिनियम में संशोधन करके कृषि व्यापार को उदार एवं सुगम बनाना है। बीते जमाने में अधिकांश कृषि जिंसों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा जाता रहा है, ताकि...
More »नये कृषि कानूनों के बाद भी दूसरे प्रदेश में फसल नहीं बेच पा रहे किसान, मंडियों में नहीं मिल रही MSP, औने-पौने रेट पर बेचने को मजबूर
-गांव कनेक्शन, "कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है। जहां चाहे वहां बेच सकता है, लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। अब नये प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में किसी भी कीमत पर बेच सकेगा।" देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर को अपने एक ट्वीट ये तब कहा...
More »कांट्रैक्ट फार्मिंग से किसान या कंपनी किसको फायदा होगा? नए कानून की पूरी शर्तें और गणित समझिए
-गांव कनेक्शन, सरकारी शब्दों में कांट्रैक्ट फार्मिंग- संविदा पर खेती यानी किसान का खेत होगा, कंपनी-व्यापारी का पैसा होगा, वो बोलेगी कि आप ये उगाइए, हम इसे इस रेट पर खरीदेंगे, जिसके बदले आपको खाद, बीज से लेकर तकनीकी तक सब देंगे। अगर फसल का नुकसान होगा तो उसे कंपनी वहन करेगी। कोई विवाद होगा तो एसडीएम हल करेगा। मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश,...
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