रायपुर। भिलाई स्टील प्लांट की जीवनदायिनी और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी रावघाट रेल परियोजना के रास्ते में बाधा बने वनों को काटने के लिए फिर टेंडर जारी किया गया है। वन विभाग ने इस बार भानुप्रताप वनमंडल के करीब 13 हजार पेड़ों की कटाई के लिए ठेकेदारों को बुलाया है। टेंडर की यह प्रक्रिया सितंबर तक चलेगी, जबकि ठेका हासिल करने वाले को 2015 तक कार्य समाप्त करना होगा। रेल अफसरों...
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कालिख के सौदे पर कड़ा प्रहार - परंजॉय गुहा ठाकुरता
भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्रमल लोढ़ा ने 25 अगस्त को कोयला खदान घोटाले के संबंध में फैसला सुनाते हुए जिस तरह के कठोर शब्दों का उपयोग किया, उसके बाद अगर वर्ष 1993 के बाद से आवंटित सभी 218 खदानों में से अधिकतर को जल्द ही निरस्त कर दिया जाता है तो किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण निर्माण क्षेत्र को जरूर कुछ...
More »कागजों में खदानें बंद पर रात को माफिया निकालता है रेत
बठिंडा. लोकसभा चुनाव के बाद बठिंडा, फाजिल्का और फिरोजपुर जिले में बड़े स्तर पर रेत की अवैध माइनिंग फिर शुरू हो गई है। रेत की जिन खदानों को माइनिंग अफसर कागजों में बंद दिखा रहे हैं, वे अवैध तौर पर चल रही हैं। और जो खदानें चलती दिखाई गई हैं, उनकी पर्चियों पर अवैध खदानों से रेत निकालकर लाई जा रही है। यह खुलासा मंगलवार को पकड़े गए रेत से...
More »कोर्ट के फैसले से कहीं ऊर्जा सेक्टर के प्राण न निकल जाएं
सुप्रीम कोर्ट ने 194 कोयला खदानों का आवंटन अवैध ठहराने का ऐतिहासिक फैसला जरूर किया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि देश और देशवासियों को इसकी बड़ी कीमत चुकाना पड़ सकती है। इन खदानों से कोयले का खनन नहीं हुआ तो देश अंधेरे में डूब सकता है, स्टील और सीमेंट जैसे ऊर्जा पर आश्रित क्षेत्र चरमरा सकते हैं। कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हड़कंप है। सियासी...
More »कोयले की कालिख का केंद्र - नीरजा चौधरी
कोयला खदान आवंटन मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने साल 1993 से लेकर 2010 के बीच की केंद्र सरकारों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों की आवंटन-प्रक्रिया में कथित निष्पक्षता और पारदर्शिता की कलई खोल दी है। शीर्ष अदालत ने इस बीच के 218 कोयला ब्लॉकों के आवंटन को अवैध बताया है। इस फैसले ने उस बदतर स्थिति का खुलासा किया है, जिसमें ‘क्रोनी कैप्टिलिज्म' और ‘कमजोर नेतृत्व' एक स्तर पर...
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