नई दिल्ली। देश में आम मान्यता रही है कि महंगाई बड़ी समस्या है। रिजर्व बैंक भी कीमतें कम करने के हर-संभव प्रयास करता रहा है, लेकिन मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि महंगाई कम होना बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार ने बुधवार को अपस्फीति यानी चीजों के दाम जरूरत से ज्यादा कम होने को अर्थव्यवस्था के समक्ष नई चुनौती करार दिया। इसके साथ ही सरकार की ओर...
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देशभर में प्याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन
देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...
More »विकास के कोलाहल में- अरविन्द कुमार सेन
देश में सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (एसइसीसी) के अलग-अलग पहलुओं पर बहस चल रही है। कुछ जानकार इस तथ्य की तरफ इशारा कर रहे हैं कि इस जनगणना ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई स्याह हिस्सों पर रोशनी डाली है। विकास के कोलाहल में स्याह हिस्सों को कोई भी सरकार नहीं देखना चाहती। चाहे वह कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार रही हो, जिसने इस जनगणना के आंकड़ों को जानबूझ कर...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »मूडीज ने सूखे की आशंका से जोड़ी भारत की रेटिंग
नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारती की रेटिंग को सूखे की आशंका से जोड़ दिया है। उसका कहना है कि भारत इस साल सूखे की चपेट से बच सकता है। लेकिन, भविष्य में सूखा पड़ने या बारिश में कमी की आशंका से देश के सॉवरेन क्रेडिट पर दबाव बन सकता है। मूडीज का मानना है कि भारत में मानसून की चिंता एक हद तक कम हो गई है, लेकिन...
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