एक ऐसे समय में जब अर्थजगत में बुद्धिमानी का पर्याय यह बन चला है कि अर्थसत्ता के खेल के लिए मैदान खुला छोड़ दिया जाय और सामाजिक-क्षेत्र पर होने वाले खर्चों में कटौती की जाय, एक रिपोर्ट का कहना है कि भुखमरी और खासतौर से बाल-कुपोषण मिटाने की दिशा में प्रयास करना अपने आप में बुद्धिमानी का काम है। रिपोर्ट में यूपीए सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार किए जाने वाले...
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कम होती बच्चियां- मधु पूर्णिमा किश्वर
लगातार गिरता बाल लिंग अनुपात, खासकर छह साल की उम्र में प्रति 1,000 बालकों की तुलना में गिरती बालिकाओं की संख्या, इसका सुबूत है कि हमारे देश में गर्भस्थ शिशु का लिंग पता करने की दुष्प्रवृत्ति को रोकने से संबंधितकानून कितना लचर है। छह साल तक के आयु वर्ग में बालिकाओं का घटता अनुपात दरअसल कन्या भ्रूणहत्या का नतीजा है, जो गर्भस्थ शिशु के लिंग की जांच का परिणाम है।...
More »मप्र में खुलेंगे 400 लोकसेवा केंद्र
भोपाल, जागरण ब्यूरो। आम जनता की तकलीफें कम करने के लिहाज से मध्य प्रदेश में 400 लोकसेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सोमवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने सरकारी कालेजों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों, लाइब्रेरियन एवं पीटीआई के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि करने का फैसला भी किया। इसके अलावा मेला प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न...
More »इंद्रधनु रौंदे हुए ये.. : हर्ष मंदर
सड़कों पर अपना जीवन बिताने वाले बच्चे साहसी जरूर होते हैं, लेकिन उन्हें अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष भी करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश बच्चे वे होते हैं, जो या तो शराबी या हिंसक पिता की प्रताड़नाओं से बचने के लिए घर से भाग आए हैं, या अपने सौतेले माता-पिता की उपेक्षा के शिकार हैं, या उनका परिवार किसी क्रूर घटना या हादसे की भेंट चढ़ गया...
More »कर्नाटक- आर्थिक वृद्धि के बीच कुपोषण से मरते बच्चे
कर्नाटक को भारत के आईटी सेक्टर में सफलता का सबसे ऊंचा झंडा गाड़ने वाला राज्य माना जाता है और विदे्शी निवेश के लिहाज से भी यह सबसे चहते राज्यों में शुमार है। कर्नाटक प्रति व्यक्ति आय के लिहाज देश के शीर्ष राज्यों में गिना जाता है। लेकिन आर्थिक विकास के निर्देशांकों के हिसाब से ऊंचे पायदान पर दिखने वाले इसी राज्य कर्नाटक में हजारों बच्चे कुपोषण के कारण मौत की...
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