नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
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बढ़ती बेरोजगारी के बीच- गिरीश मिश्र
नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
More »न्यायालय ने केंद्र , राज्यों से 1.17 लाख ‘लापता’ बच्चों के मुद्दे पर जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने आज उस याचिका पर केंद्र , राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2008 और 2011 के बीच एक लाख से अधिक बच्चे अपने घरों से रहस्यमय ढंग से लापता हो गए । न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती...
More »राहत शिविर या शामत शिविर!- राजकुमार सोनी(तहलका)
वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...
More »25 नाबालिग मजदूर छुड़वाए
मानपुरा. भारतीय मजदूर संघ ने एक ठेकेदार के पास काम कर रहे करीब 25 बाल मजदूरों को छुड़वाया। ठेकेदार के पास करीब 75 कामगार थे, उन्हें दो माह से वेतन भी नहीं दिया गया था। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मेला राम चंदेल, सचिव राजू भारद्वाज और भंगी राम चौधरी ने बताया कि बद्दी के उद्योग ओमार हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड में दो ठेकेदारों के पास 75 कामगार काम कर रहे थे...
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