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बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी

भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...

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ग्वालियर जिला कोर्ट में चपरासी के 57 पदों के लिए 60 हजार आवेदन

बलबीर सिंह, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में युवाओं की बेरोजगारी से इस बार जजों का सिर चकरा रहा है। दरअसल, ग्वालियर जिला कोर्ट में चपरासी के महज 57 पदों के लिए आवेदन बुलाए गये थे, जिसमें 60 हजार आवेदन आए हैं। चौकानें वाली बात यह है कि पद का मानदेय सिर्फ साढ़े सात हजार रुपये है, लेकिन अधिकतर उम्मीदवार इंजीनियर, एमबीए और यहां तक कि पीएचडी डिग्रीधारी हैं। इन आवेदनों को देखकर...

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मध्यप्रदेश में शहर वालों से ज्यादा नशा करती हैं ग्रामीण महिलाएं

इंदौर। मध्यप्रदेश में सिगरेट, तंबाकू और शराब के मामले में ग्रामीण महिलाएं, शहरी महिलाओं से आगे हैं। जहां महज 6.5 फीसदी शहरी महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं, वहीं ग्रामीण महिलाओं में यह आंकड़ा 12.1 फीसदी है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। पढ़ें रिपोर्ट से जुड़ी खास बातें और देखें इंटरेक्टिव चार्ट - शहरी महिलाएं छोड़ रहीं बुराइयां शराब सेवन को लेकर रिपोर्ट में खुलासा...

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मध्यप्रदेश में ग्रामीण महिलाओं के पास है ज्यादा प्रॉपर्टी

इंदौर। प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के मामले में मध्यप्रदेश के गांवों की महिलाओं ने शहरी महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है। जहां 44.7 फीसदी ग्रामीण महिलाओं के नाम मकान या जमीन है, वहीं शहरों में यह आंकड़ा महज 40.1 फीसदी है। हालांकि लगता है गांवों की महिलाओं को मोबाइल में ज्यादा रुचि नहीं। इसीलिए खुद का मोबाइल रखने वाली शहरी और ग्रामीण महिलाओं में बहुत बड़ा अंतर है। ये अहम जानकारी...

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शिक्षा के 'उद्योग' में फीस नियंत्रण की रस्म अदायगी!

देशभर में आए दिन सामने आने वाले विवादों-मुद्दों में कम ही ऐसा होता है, जिस पर सभी एकमत हों! अपवाद का ऐसा ही एक आधार है-निजी स्कूलों की बेलगाम फीस। सभी एकमत हैं कि फीस बहुत ज्यादा है और इस पर नियंत्रण होना ही चाहिए। निजी स्कूलों की स्थिति समझने के लिए सबसे पहले कुछ संदर्भ। वर्ष 2010-11 से 2015-16 के बीच 20 राज्यों के सरकारी स्कूलों में 1 करोड़...

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