भोपाल। मप्र को बीमारू राज्य कहने वालों को इस विषय पर दोबारा सोचने की जरूरत है। कारण प्रदेश में हर साल बढ़ते करोड़पति व्यापारियों के अलावा नेताओं, अफसरों और उद्योगपतियों के यहां से मिल रही करोड़ों की अनुपातहीन संपति को देखकर नहीं लगता कि प्रदेश बीमारू राज्य है। आयकर विभाग के छापों ने प्रदेश के कई लोगों की पोल खोल दी है। पिछले तीन साल में ही आयकर छापों में करीब छह सौ करोड़...
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