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हरियाणा के 11 गांवों के लिए ‘राक्षस’ बना पानी, लोग इच्छा मृत्यु को तैयार

जींद : भाखड़ा नहर से साफ पानी की मांग को लेकर 20 जून से धरने पर बैठे 11 गांवों के किसान अब इच्छामृत्यु करना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि जहरीला पानी तो वैसे भी उन्हें मार रहा है और सरकार उन्हें पीने और सिंचाई के लिए साफ पानी देना नहीं चाहती.   इसके लिए वो अर्धनग्न विरोध से लेकर सिर तक मुंड़वा चुके हैं. इन गांव के लोगों ने पंजाब...

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सीवीसी को 123 भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मंज़ूरी का इंतज़ार

नई दिल्ली: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को 123 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई के लिए विभिन्न संगठनों की मंजूरी का इंतजार है. चार महीने से अधिक समय से सीवीसी इन अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवा अधिकारी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इन आरोपियों...

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पीएम मोदी ने नीति आयोग का किया पुनर्गठन, अमित शाह होंगे पदेन सदस्य

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति आयोग के पुनर्गठन को मंजूरी दी. यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ राजीव कुमार को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह पदेन सदस्य होंगे. प्रधानमंत्री आयोग के अध्यक्ष होते हैं. आयोग के पदेन सदस्यों में शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास...

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जाति के समीकरण का टूटना- मनीषा प्रियम

गुरुवार को आए चुनावी नतीजे भारतीय लोकतंत्र के लिए काफी अहम हैं। नरेंद्र मोदी, भाजपा और उनका राष्ट्रवाद अब केंद्र में एकछत्र शासन कर सकने की स्थिति में हैं। कांग्रेसवाद और क्षेत्रवाद, दोनों का एक साथ पतन हुआ है। बेशक कभी इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के लिए कहा जाता था कि वह ‘टीना' फैक्टर यानी ‘देअर इज नो अल्टरनेटिव टु इंदिरा गांधी' के कारण बार-बार जीतकर आती है,...

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परीक्षा के अंक नहीं हैं जिंदगी का पैमाना- आशुतोष चतुर्वेदी

हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...

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