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सीबीएसई ने कहा 1 जनवरी से स्‍कूल बने कैशलेस

नागपुर। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने कहा है कि 1 जनवरी से सभी स्‍कूल कैशलेस हों और हर तरह की फीस और अन्‍य खर्च डिजिटल पेमेंट के माध्‍यम से करें। एक छोटे से पत्र में बोर्ड सेक्रेटरी जोसेफ इमानुअल ने स्‍कूलों के प्रिंसिपल्‍स से कहा है कि इसमें स्‍कूलों के लिए कोई मौका नहीं रहेगा। उन्‍होंने पत्र में लिखा है कि स्‍कूलों में कैश लेन-देन कम करने के लिए सभी सीबीएसई...

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'क्या नोटबंदी ने एक नए भ्रष्टाचार को जन्म दिया?'--- क़मर वहीद नक़वी

नोटबंदी में देश क़तारबंद है. आज एक महीना हो गया. बैंकों और एटीएम के सामने क़तारें बदस्तूर हैं. जहाँ लाइन न दिखे, समझ लीजिए कि वहाँ नक़दी नहीं है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बस पचास दिन की तकलीफ़ है. तीस दिन तो निकल गए. बीस दिन बाद क्या हालात पहले की तरह सामान्य हो जायेंगे? क्या लाइनें ख़त्म हो जाएंगी? और क्या 30 दिसंबर के बाद जवाब मिल जाएगा...

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सरकारी राजस्व का सदुपयोग हो --- डा. भरत झुनझुनवाला

पांच सौ तथा हजार रुपये के नोट बंद करके सरकार ने साहसिक कदम उठाया है. आज देश में बड़े पैमाने पर नकद में धंधा हो रहा है, जिससे टैक्स से बचा जा रहा है. मुझे कभी-कभी हजारों पन्ने फोटोकाॅपी कराने पड़ते हैं. मेरे फोटोकाॅपियर मित्र इसकी रसीद नहीं देते हैं, चूंकि वे कागज को नकद में खरीदते हैं. इस कागज को बनानेवाली फैक्ट्री और बेचनेवाले दुकानदार भी टैक्स नहीं देते...

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कश्मीर को कारागार नहीं स्कूल चाहिए-- शशिशेखर

जो एक स्कूल के दरवाजे खोलता है, वह एक जेल का द्वार बंद भी करता है। - विक्टर ह्यूगो कश्मीर घाटी में इसका उल्टा हो रहा है। वहां स्कूलों की इमारतें फूंकी जा रही हैं। राज्य-कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है। मंत्रियों, विधायकों और जनता की नुमाइंदगी का दम भरने वाले नेताओं के घर क्षतिग्रस्त किए जा रहे हैं। यह प्रायोजित हिंसा का दूसरा जानलेवा प्रहसन है। इससे पहले...

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जुगाड़ का मोहताज न बने लोकतंत्र - मृणाल पांडे

क्या इसे महज एक संयोग माना जाए कि देश की तकरीबन हर पार्टी और राजनीति में आकंठ निमग्न शीर्ष नेता के कुटुंबों के भीतर और पार्टी के असंतुष्टों के बीच की भीषण तनावमय टूट इन दिनों शर्मनाक झगड़ों में तब्दील हो-होकर चौरस्तों पर बिखर रही है? एक न एक दिन तो यह होना ही था। वजह यह कि गए कई दशकों में जवान होता लोकतंत्र हमारे बीच राजनीति से अर्थनीति...

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