फिल्मों के ग्लैमरस संसार से आयीं जयललिता को राजनीति में प्रवेश करने के पहले कई प्रकार के अवरोधों, अपमानों और दुर्व्यवहारों का सामना भी करना पड़ा. शायद उनके अप्रत्याशित व्यवहार के पीछे यह भी एक बड़ा कारण था. पर, उनकी गरीबनवाज छवि ने उनके सारे दोषों को धो दिया. उनके ऐसे व्यक्तित्व को विकसित करने में तमिलनाडु की विलक्षण व्यक्ति-पूजा का भी योगदान है. भारतीय राजनीति में बड़े-बड़े कटआउटों की...
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क्या आप डोरिस फ्रांसिस को जानते हैं -- शशिशेखर
‘ईश्वर अपना सबसे कठिन युद्ध अपने सबसे बलवान योद्धा को सौंपते हैं।' बाइबिल की यह सूक्ति गाजियाबाद की डोरिस फ्रांसिस पर सौ फीसदी खरी उतरती है। शायद आपने उनका नाम न सुना हो। साधारण कुल में जन्मे और जिंदगी भर आर्थिक पैमाने की तली में खडे़ ऐसे लोगों पर अक्सर किसी की नजर नहीं जाती। डोरिस नौ वर्ष की उम्र में अपने भाई और बहन के साथ पंजाब से दिल्ली पहुंची थीं।...
More »'कागज़ों में बने शौचालय' और मिल गया सम्मान!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुंगेली और धमतरी ज़िले को भले ही 'खुले में शौच मुक्त' होने के लिये सम्मानित कर दिया लेकिन उनके इन दावों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह मुंगेली के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने इन दो ज़िलों के अलावा दूसरे ज़िलों के 15 विकासखण्डों को 'खुले में शौच मुक्त' यानी ओडीएफ ज़िला और विकासखण्ड घोषित किया और...
More »सहायता योजनाओं की जानकारी से दूर छोट-मंझोले उद्योग - नई रिपोर्ट
‘मछरी जल बीच मरत पियासी' ! इस उलटबांसी का अर्थ समझना हो तो गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिहाज से महत्वूर्ण माने जाने वाले सूक्ष्म, छोटे और मंझोले उद्यमों की हालत पर गौर कीजिए! हाल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि छोटे, मंझोले और सूक्ष्म उद्यमों के विकास-विस्तार और सुधार के लिए सरकार ने 200 से ज्यादा सहायता योजनाएं चला रखी हैं लेकिन सूक्ष्म, छोटे, और मंझोले आकार के उद्यम (एमएसएमई) इनका...
More »नई व्यवस्था से कितनी बदलेगी रेल? - अरविंद कुमार सिंह
रेलवे की रफ्तार और तेज करने व कायाकल्प के इरादे से रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल कर रेल बजट का आम बजट में विलय कराने में सफलता हासिल कर ली है। 1924 से लगातार जो रेल बजट आम बजट से अलग पेश होता रहा है, वह अब इतिहास का अंग बन गया है। किंतु इसे लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। अब...
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