-जनपथ, स्मार्ट सिटी के शोर के बीच स्मार्ट विलेज बनाने की भी पैरवी हो रही है। गाँवों को इस स्मार्ट शब्द की जद से बख्श देना चाहिए। भाषायी कौशल के मामले में गाँव, शहरों से अधिक स्मार्ट हो चुके हैं। शहर अभी हिंग्लिश बोल रहा है। वहीं गाँव भोजपुरी, हिंदी और अंग्रेजी को मिलाकर नई भाषा ईजाद कर चुका है। गाँव से शहर के स्मार्ट कान्वेंट स्कूल में पढ़ने जाने वाला बच्चा...
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महामारी संकट : समुदाय आधारित भागीदारी बढ़ाने की जरूरत
-आउटलुक, महामारी की दूसरी लहर में पूरे देश में समुदाय सबसे अधिक व्यवहारिक (लचीली) संस्था के रूप में उभरे हैं। भारतीय परंपरा, मूल्य और सांस्कृतिक ताकत ने नई ऊर्जा और नए समूहों को स्वत: रूप से हम सबके सामने मदद के लिए लाकर खड़ा कर दिया है । इन सामुदायिक कार्यों ने ही समाज को राज्य और बाजार की विफलता से निपटने में सक्षम बनाया है। हालांकि इस बीच विभिन्न चिकित्सा...
More »असलियत को कबूल नहीं कर रही मोदी सरकार और भारतीय राज्यसत्ता फिर से लड़खड़ा रही है
-द प्रिंट, क्या भारतीय राज्यसत्ता विफल हो चुकी है? समाचार पत्रिका ‘इंडिया टुडे ’ का ऐसा ही मानना है. लेकिन मैं इसका विनम्रतापूर्वक खंडन करना चाहूंगा क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह पत्रिका अपने आवरण पर इस आशय का शीर्षक न लगा पाती और मैं यह स्तंभ न लिख पाता. अगर ऐसा होता तो हम यह न जान पाते कि हम कितनी बुरी तरह विफल हो रहे हैं. जब तक किसी राष्ट्र का...
More »कोरोना काल: कठिन प्रश्नों के सरल जवाब
-न्यूजक्लिक, कोरोना कहर ढा रहा है। चार लाख नये मरीज हर रोज तक हो गये हैं। अगर सरकार चाहेगी तो उसको चार लाख से आगे बढ़ने देगी और अगर चाहेगी तो उसे यहीं पर रोक देगी। पहली लहर के समय में भी सरकार ने कोरोना के मरीजों को एक लाख से नीचे ही रोके रखा था और इस बार भी सरकार जब चाहे कोरोना के मरीजों को बढऩे से रोक सकती...
More »कोरोना के क़हर में जीवन और मौत के बीच का पुल बना सोशल मीडिया
-बीबीसी, कोरोना की दूसरी लहर के रूप में भारत में मची तबाही से हर रोज़ देश में तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अपने परिजनों तक मदद पहुँचाने के लिए लोग बड़ी बेचैनी से सोशल मीडिया की सहायता ले रहे हैं. अपने बीमार परिजन को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, रेमेडिसविर और प्लाज़्मा दिलाने के लिए लोग सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रहे हैं. ऐसे वक़्त में ये...
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