जयपुर: सरकारें चुनकर आती हैं ताकि देश की अवाम को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और एक बेहतरीन मुस्तकबिल दे सकें, लेकिन राजस्थान में बाड़मेर जिले के दूधियाकलां गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के तकरीबन 45 बच्चे अपनी ही सरकार से छले गए हैं. राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार में इस गांव के प्राथमिक स्कूल को कम नामांकन और समायोजन का हवाला देकर बंद कर दिया गया. इन बच्चों की किताबें 2016...
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पोषण और अंडे का संघर्ष- ज्यां द्रेज
बच्चों को लेकर भारत में एक बड़ा विरोधाभास दिखायी देता है. एक तरफ, घर में बच्चों को बहुत प्रेम किया जाता है. दूसरी तरफ, लोक-नीति में बच्चों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. आज भी गरीब बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है, न स्वास्थ्य सुविधा और न ही पोषण. इसके कारण बांग्लादेश और नेपाल की तुलना में भारत के बाल विकास से संबंधित आंकड़े कमजोर हैं. इससे...
More »बोझमुक्त बस्ता एक अच्छा कदम-- अंबरीश राय
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने बच्चों के कक्षा-वर्ग के हिसाब से उनके बस्ते के वजन का जो मानक जारी किया है, यह एक अच्छा कदम तो है, लेकिन काफी देर से उठाया गया कदम है. बहुत पहले से ही इस कदम की प्रतीक्षा हो रही थी. साल 1993 में ही प्रो यशपाल की देख-रेख में बनी यशपाल कमेटी ने यह सिफारिश की थी कि बच्चों की पीठ उनके...
More ».....ताकि चुनाव-चर्चा के बीच आप भुखमरी से हो रही मौतों को ना भूल जायें !
झारखंड में बीते 30 दिनों में कम से कम दो जन भुखमरी के कारण मौत की चपेट में आये हैं. भोजन का अधिकार अभियान ने यह जानकारी एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर दी है. रिपोर्ट में राज्य के दुमका जिले में जामा प्रखंड के महुआटांड गांव के कलेश्वर सोरेन और देवघर जिले में मार्गोमंडा प्रखंड के मोती यादव की मौत के पीछे भुखमरी को एक कारण के...
More »45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला
रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...
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