रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
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चचरी पुल ही एक मात्र सहारा
किशनगंज : आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां रेलवे लाइन एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं इस जिले का टेढ़ागाछ प्रखंड सड़क संपर्क के जरिये जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है. आज भी कनकई नदी पर स्थित लौचा घाट स्थित चचरी पुल लोगों का एक सहारा है. यह पुल भी जन सहयोग से निर्मित है. यह पुल जिला मुख्यालय से न केवल टेढ़गाछ को बल्कि अररिया जिला के सिकटी,...
More »मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...
More »भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सवालों के घेरे में
नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। भूमि अधिग्रहण और उचित मुआवजे को लेकर उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलनों के बाद कानून में बदलाव के लिए केंद्र सरकार हरकत में तो आ गई है, लेकिन इससे वैसी तमाम भूमि के भविष्य का सवाल अहम हो गया है जो फिलहाल अधिग्रहण की प्रक्रिया के अधीन हैं। ऐसी भूमि पर कानून के बदलाव के दौरान ही पुराने कानून के तहत अधिग्रहण का खतरा है।...
More »पानी के लिए 5 हजार करोड़ खर्च, पानी फिर भी पाताल में : राजेश माली
भोपाल. पांच साल। 5000 करोड़ रुपए खर्च। और, परिणाम, सूखती जमीन। यही हाल है प्रदेश का, जहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन जमीन गीली होने की बजाय और सूखती जा रही है। राज्य के 313 में से 28% ब्लॉक भूजल मामले में ‘सुरक्षित’ नहीं रहे हैं। 5 साल में 42 और ब्लॉक में खतरे की घंटी बज गई है।...
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