देहरादून, [अरविंद शेखर]। इंसानी करतूतों से पल-पल मरती कोसी के लिए उम्मीद की लौ करीब-करीब बुझ चुकी थी। कभी कोसी नदी की इठलाती-बलखाती लहरों में मात्र स्पंदन ही शेष था। यह तय था कि नदी को जीवनदान देना किसी के वश में नहीं। इन हालात में कोसी को संजीवनी देने का संकल्प लिया इलाके की मुट्ठीभर ग्रामीण महिलाओं ने। नतीजतन आज कोसी के आचल फिर लहरा रहा है। आसपास के इलाके में हरियाली लौट आई है।...
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बजट 2010: बदलाव के ट्रैक पर एजुकेशन सिस्टम
नई दिल्ली।। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का कहना है कि सरकार मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के कानून की मदद से देश के शिक्षा परिदृश्य को पूरी तरह बदलने को तैयार है।...
More »अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
More »कोचिंग पर कसी लगाम,पूरा कराना होगा कोर्स
पटना/बाढ़। कोचिंग संस्थान दूर-दराज से आये छात्रों के साथ अब मनमानी नहीं कर पायेंगे। सरकार ने प्रदेश भर में कुकुरमुत्तो की तरह उग आये कोचिंग सेंटरों पर लगाम कसने की पूरी तैयारी कर ली है। अब कोचिंग का निबंधन कराना पड़ेगा। इसके लिए शिक्षकों की पात्रता, संस्थान में बैठने को पर्याप्त जगह, प्रसाधन की व्यवस्था के अलावा अधिकतम शुल्क निर्धारित किया जायेगा। 22 फरवरी से शुरू हो रहे विधानमंडल के सत्र में विधेयक लाया जायेगा। इस...
More »आदिवासियों का विश्वस्तर पर जनसंहार- यूएन रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट ऑव द वर्ल्डस् इंडीजीनस पीपल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातियां पूरे विश्व में अपनी संपदा-संसाधन और जमीन से वंचित और विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के एक सूबे झारखंड में चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारो परिवारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्हें समुचित मुआवजा तक हासिल नहीं हो...
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