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कृषि जोतों के आकार में कमी चिन्ता का सबब: नई कृषि जनगणना

खेती-किसानी के मोर्चे से एक बुरी खबर आयी है. नयी कृषि जनगणना के आंकड़ों का संकेत है देश में कृषि जोतों का औसत आकार लगातार कम हो रहा है.(आंकड़ों के लिए देखें नीचे दी गई लिंक)   साल 2010-11 में कृषि जोतों का आकार 1.15 हेक्टेयर(राष्ट्रीय औसत) था जो पांच साल बाद 2015-16 में घटकर 1.08 हेक्टेयर हो गया है. कृषि-जोतों के आकार में कमी लागत और व्यावहारिकता के तकाजे से चिन्ता...

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कृषि ऋण माफी को चुनावी वादों का हिस्सा न बनाएं: राजन

देश के 13 अर्थशात्रियों द्वारा तैयार एक रपट में कहा गया है कि ऋण माफी से बचा जाना चाहिए, क्योंकि इससे देश में निवेश के लिए आवश्यक संसाधन दूसरी तरफ चला जाता है। यह रपट शुक्रवार को जारी की गई। रपट के लेखकों में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी शामिल हैं। 'एन इकॉनॉमिक स्ट्रैटजी फॉर इंडिया' नामक रपट को जारी करते हुए राजन ने कहा कि कृषिण ऋण...

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किसानों को बड़ी राहत, ये बड़ा कदम उठाने की तैयारी में योगी सरकार

योगी सरकार हाल ही में धान बेचने वाले किसानों और राइस मिलरों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। किसानों को धान का उचित मूल्य न मिलने की शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल को राहत का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वित्तमंत्री ने गुरुवार को प्रमुख सचिव खाद्य, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और खाद्य आयुक्त के साथ लंबी बैठक की। वह सोमवार...

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आरटीआई संशोधन के विरोध में उतरे कार्यकर्ता, पूर्व सूचना आयुक्त ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने बीते सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर केंद्रीय सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति और सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन नहीं करने की मांग की है. आचार्युलू ने राष्ट्रपति से यह सुनिश्वित करने के लिए कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्ताविक सूचना आयुक्तों के ‘कार्यकाल, दर्जा और वेतन' संबंधी संशोधन न किया जाए. उन्होंने कहा...

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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल

मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...

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