रिपोर्ट में भारत में ग़रीबी और बढ़ती असमानता को बड़ी चुनौती बताया गया है. संयुक्त राष्ट्र की मानव विकास [^] रिपोर्ट ने भारत को आर्थिक तरक्की करनेवाले उच्च 10 देशों की सूची में रखा है लेकिन ग़रीबी, लिंग अनुपात की बढ़ती खाई और असमानता को एक बड़ी चुनौती बताया है. दक्षिण एशियाई देशों में मानव विकास सूचकांक पर ग़ैर-आर्थिक मापदंडों पर नेपाल सबसे तेज़ी से बढ़नेवाले देशों में नंबर दो पर है...
More »SEARCH RESULT
मानव विकास में भारत की स्थिति सुधरी
नयी दिल्ली। स्वास्थ्य शिक्षा और आय पर आधारित मानव विकास सूचकांक में भारत की स्थिति सुधरी है और 169 देशों की सूची वह एक पायदान चढकर 119 वे स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि लिंग भेद, असमानता और स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में वह पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश और श्रीलंका से पिछड गया है। संयुक्त राष्ट्र डेवलमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) द्वारा वर्ष 2010 के मानव विकास रिपोर्ट में जारी इस सूचकांक में...
More »मानव विकास रिपोर्ट में भारत 119वें स्थान पर
मजबूत आर्थिक वृद्धि के बावजूद शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में खराब सामाजिक बुनियादी ढांचा में कारण भारत मानव विकास सूचकांक के मामले में 119वें पायदान पर है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट 2010 में 169 देशों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस सूची में भारत चीन (89वें) और श्रीलंका (91वें) से भी पीछे है। आय सूचकांक में भारत की स्थिति में 10 पायदान का सुधार हुआ...
More »कहीं खटाई में पड़ न जाए महामाया योजना
कानपुर। मुख्यामंत्री मायावती द्वारा प्रदेश के गरीबों के लिए महामाया गरीब आर्थिक योजना चालू की गयी है। जिसके तहत समाज के नीचे तबके के लोगों को आर्थिक मदद देने का प्रवधान है। योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जिले के 60 हजार सही पात्रों का चयन किया गया था। लेकिन दो माह गुजर जाने के बाद अभी तक सिर्फ 15 हजार पात्रों के ही सात्यापित आवेदन फार्म जमा हो पाए है।...
More »‘ग्राम स्वरोजगार’ की जगह अब नई योजना
भोपाल गांवों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने वाली स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) को बंद किया जा रहा है। इसके स्थान पर केंद्र सरकार नई योजना नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन (एनआरएलएम) लागू करेगी। पहले चरण में मप्र के 9 से13जिले इसमें शामिल किए जाएंगे। केंद्र ने हाल ही में नई योजना का प्रारूप तैयार किया है। इस संबंध में राज्यों के ग्रामीण विकास विभाग के उच्चधिकारियों...
More »