-द प्रिंट, लॉकडाउन में पांचवां महीना बीत रहा है मगर कोविड-19 की महामारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और अर्थव्यवस्था निरंतर नीचे फिसलती जा रही है. आधुनिक भारत ने ऐसी महामारी पहले नहीं झेली थी, लेकिन इसका आर्थिक प्रभाव जाना-पहचाना है— सुस्त आर्थिक वृद्धि, ऊंची मुद्रास्फीति, और बेहिसाब बुरे कर्जों का घातक मेल. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट (जीएफसी) के बाद के दौर में भी यही स्थिति थी....
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बेंगलुरू हिंसा: दूसरे के धर्म पर टिप्पणी क्यों; हिंसा पूरी तरह ग़लत
-सत्यहिंदी, बेंगलुरू में हुई हिंसा से क्या कोई प्रसन्न हो सकता है? क्या कोई उसका समर्थन कर सकता है? लेकिन ऐसा मानने वाले लोग इस समाज में हैं जो यह मानते हैं कि इस हिंसा की हिमायत करने वाले लोग सभ्य समाज में मौजूद हैं। हिंसा के दौरान ही जब बहुत सारे लोग हैरान थे और उसे समझने की कोशिश कर रहे थे, एक ख़ास तबके में एक विकृत प्रसन्नता देखी...
More »क्या भारत में भी मौजूद है 10 गुना ज़्यादा संक्रामक कोरोना वायरस?
-बीबीसी, मलेशिया में एक नए तरह का कोरोना वायरस यानी वायरस का स्ट्रेन मिला है, जिसका नाम है D614G. मलेशिया की सरकार ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार का कोरोना वायरस बहुत तेज़ी से फैल सकता है. D614G दरअसल कोरोना वायरस के म्यूटेशन यानी जीन में बदलाव होने से ही बना है. मलेशिया के स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ नूर हिशाम ने कहा कि D614G वायरस दुनिया भर में जाने-पहचाने कोरोना...
More »पीपुल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी (पीएईजी) सामाजिक समूह ने जारी किया द्वितीय मनरेगा ट्रैकर
-पीपुल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी (पीएईजी) द्वारा जारी द्वितीय मनरेगा ट्रैकर (17 अगस्त, 2020 को जारी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (नरेगा) कार्यान्वयन ट्रैकर, नरेगा की मांग को लेकर 2005 में 'रोज़गार गारंटी के लिए जन संघर्ष' (पी.ए.ई.जी.) गठित हुआ। यह एक समूह हैं जिसमें विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता, शैक्षणिक और अनेक जन संगठनों के सदस्य जुड़े हैं. पी.ए.ई.जी. शोध और अधिवक्तृता के माध्यम से नरेगा के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए चर्चाओं, लोगों द्वारा...
More »देश में फुटबॉल का गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में ही पहचान खो रहा यह खेल
-गांव कनेक्शन, आसमान में टिमटिमाते तारों को देखना, उनके बारे में बातें करना और उनसे जुड़ी जानकारियां हासिल करना सबको अच्छा लगता है, लेकिन ज़मीं के छोटे-छोटे कस्बों, गाँव और शहरों के उन सितारों को हम नहीं जान पाते जिनकी अपनी चमक होती है। जो अपने हुनर के दम पर पूरी दुनिया में रोशनी फैलाने का हौसला रखते हैं। ऐसे सितारे जो अपनी रोशनी से देश को गौरान्वित कर सकते हैं।...
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