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राजनीति से प्रेरित है दिल्ली हिंसा की पुलिस जांच : अपूर्वानंद

-कारवां, अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर होने के साथ एक मानव अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के तहत हिंदुत्व के उभार पर बेबाकी से लिखा और बोला है. पिछले साल दिसंबर में जब नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे थे तो अपूर्वानंद ने इस कानून के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई. साथ ही वह...

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टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश के कासगंज और आगरा पहुंचा, राज्य के कई जिलों में अलर्ट

-आउटलुक, हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर तथा गुरूग्राम आदि कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुचाने वाला टिड्डियों का 2 से 3 किमी लंबा झुंड जोकि शनिवार को गुरुग्राम में था, दिल्ली की ओर जाने के बजाय उत्तर प्रदेश के कासगंज और आगरा तक पहुँच गया। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश के कई जिले बीते 48 घंटों से टिड्डियों के हमले...

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लॉकडाउन से उपजे पेट के संकट ने महामारी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया

-न्यूजक्लिक,  ‘मोर बस्ती कोरोना से ज्यादा खतरनाक है। वहां बहुत कचड़ा और गंध है, आप बस्ती जाएंगे तो आपको भी कोरोना हो जाएगा।’ ये कहना है नंदू का। नंदू जिसने शहर इलाहाबाद में यमुना नदी के तट पर अपने जिंदगी की पहली सांस ली थी। वह आज भी यमुना नदी के किनारे बसे कीडगंज इलाके की एक बस्ती में रहता है, नंदू की उम्र कुल जमा आठ साल है लेकिन नंदू...

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शहरी गरीबों के लिए 'मनरेगा' योजना - झारखंड में मिलेगी 100 दिन रोजगार की गारंटी, बनेगा पहला राज्य

-गांव कनेक्शन,  ग्रामीण भारत में चल रही केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की तरह झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार अब नयी योजना के जरिये शहरों में 'रोजगार की गारंटी' देने जा रही है। कोरोना संक्रमण से लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में दिल्ली, मुंबई, इंदौर, पंजाब, हरियाणा और दक्षिण भारत के राज्यों से झारखंड वापस लौटे प्रवासी मजदूरों और शहरों के...

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बदलती विश्व व्यवस्था पर पुतिन का आलेख

-न्यूजलॉन्ड्री, द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ीवाद के विरुद्ध निर्णायक जीत की 75वीं वर्षगाँठ पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस महायुद्ध, उसके बाद की दुनिया और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर एक विस्तृत लेख लिखा है. उन्होंने बताया है कि क्यों हर साल 9 मई का दिन रूस के लिए सबसे बड़ा दिन होता है और उस विश्व युद्ध से आज हम क्या सीख सकते हैं. पश्चिमी देशों में इस लेख के...

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