देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...
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गंडामन त्रासदी की कड़ियां- अपूर्वानंद
जनसत्ता 25 जुलाई, 2013: मीना कुमारी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यानी उन पर छपरा के गंडामन गांव के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले तेईस बच्चों की, जो स्कूल का मध्याह्न भोजन खाने के बाद मारे गए, इरादतन हत्या और उनकी हत्या के लिए आपराधिक षड्यंत्र का आरोप है। वे अभी फरार हैं। आज या कल गिरफ्तार कर...
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »अन्ना हजारे जी.एम. फसल बिल संसद में पारित होने से रोकने की पहल करें
भोपाल : किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डा. रामकृष्ण कुसमारिया ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अनुरोध किया है कि वे एग्रीकल्चर बायो सिक्योरिटी बिल तथा बायो टेक्नालाजी अथारिटी आफ इण्डिया जैसे बिल संसद में पारित होने से रोकने की पहल करें. कुसमरिया ने अन्ना हजारे को लिखे एक पत्र में कहा है कि इन बिलों के पारित होने से देश में जी.एम. फसलों को पिछले दरवाजे से लाने से किसानों...
More »मॉनसून के भरोसे खेती कबतक?
बिहार में खरीफ की खेती अब भी वर्षा पर निर्भर है. सरकार हर साल कई करोड़ रुपये जल संसाधन पर खर्च करती है, लेकिन अब भी 93.6 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से केवल 56.03 लाख हेक्टेयर जमीन में ही शुद्ध रूप से खेती होती है और केवल 33.57 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि ही सिंचित है. मॉनसून अगर साथ दे, तो किसानों का सौभाग्य और अगर वह दगा दे, तो...
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