पटना : पंचायत चुनाव में पटना जिले में आपको महिला उम्मीदवार ज्यादा दिखायी देंगी क्योंकि नामांकन में महिलाओं ने पुरुषों से बाजी मार ली है. इस बार पटना के 23 प्रखंडों में 27160 उम्मीदवार भाग्य आजमायेंगे, जिनमें महिलाएं 14 हजार 60 हैं , जबकि पुरुष 13 हजार 40. इसे पंचायत चुनाव में महिलाओं की बढ़ती दिलचस्पी कहिए या कुछ और, लेकिन कुल किये गये नामांकन में 1020 महिलाएं पुरुषों की...
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कैसे भूल सकते हैं चंपारण सत्याग्रह- के सी त्यागी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अतुल्य विरासत को अजर-अमर बनाने की दिशा में जो प्रयास हो रहे हैं, वे न सिर्फ सराहनीय हैं, बल्कि प्रेरणादायक भी हैं। पिछले दिनों बिहार सरकार ने गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह की सौवीं वर्षगांठ मनाने का फैसला एक सर्वदलीय बैठक में किया। महात्मा के नाम पर राजनीतिक मतभेद न होना, इस बड़े फैसले का सुखद पहलू रहा। 10 अप्रैल, 1917 को पहली बार महात्मा गांधी बिहार...
More »विश्व-व्यापार और भारत- संदीप मानुधने
सन् 1980 के पश्चात पूरे विश्व में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की ऐसी आंधी चली कि विश्व-व्यापार के सभी मानकों व मापदडों में आमूल-चूल परिवर्तन हो गया. अब किसी भी देश को यदि समृद्ध बनना था, तो यह न केवल महत्वपूर्ण था वरन अत्यावश्यक भी कि आप अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व के साथ जोड़ें. इस हेतु भारत ने अनेक स्थानीय व्यवस्थाओं व विनियमनों में भारी परिवर्तन किये. यह अलग बात...
More »मकसद, भविष्य गढ़ना!-- हरिवंश
बच्चों के खिलाफ हर दिन हिंसा होती है. चाहे वह पारंपरिक रूप में हो या अनुशासन के रूप में. इसे आज ही समाप्त किया जाना चाहिए. बच्चों के खिलाफ हिंसा की समाप्ति के लिए झारखंड में एक अभियान ‘‘अब और नहीं. मत छुपाओ, आवाज उठाओ'', की शुरुआत की गयी है. इस अभियान का मकसद, भविष्य गढ़ने से है. ‘बच्चों को हिंसा से बचाने' की जागरूकता, कोशिश या अभियान एक नयी...
More »जननि सुरक्षा- आखिर किधर जा रहा है समाज
चिंता : शहरों में सबसे ज्यादा गर्भपात 20 वर्ष से कम आयुवर्ग की लड़कियों में मां बनना शायद दुनिया की सबसे अद्भुत नैसर्गिक प्रक्रिया है, साथ में सबसे सुखद एहसास भी. जन्म देने का जिम्मा प्रकृति ने एक औरत को शायद इसीलिए दिया है, िक इस काम के लिए जो साहस और कोमलता चाहिए, वह सिर्फ औरत में ही हो सकती है. तमाम कष्टों के बावजूद एक औरत को सबसे ज्यादा...
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