रायपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्पेशल असिस्टेंट प्रोग्राम (सैप) के तहत पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के बायोलाइफ साइंस एवं केमिस्ट्री डिपार्टमेंट को दो करोड़ 53 लाख रुपए की राशि मिली है। केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में इस राशि से अब क्लाइमेट चेंज को लेकर बड़े स्तर रिसर्च हो सकेंगे। इसके लिए लैब में हाइटेक उपकरण की खरीदी करनी होगी। राज्य में बारिश और तापमान में लगातार हो रहे परिवर्तन के साथ-साथ प्रदूषण...
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कछुआ चाल से चल रहा है समेकित बाल विकास कार्यक्रम
सुप्रीम कोर्ट के कई अंतरिम आदेशों के बावजूद सरकार समेकित बाल विकास कार्यक्रम को अभी तक सार्विक नहीं बना पायी है। इस बात का खुलासा चौदहवीं लोक लेखा समिति की रिपोर्ट(2014-15) से हुआ है। लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 लाख बसाहटों में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कर पाने का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य निकट भविष्य में पूरा होता नहीं जान पड़ता। (देखें...
More »बिजली वितरण कंपनियां ध्वस्त होने की कगार पर: एसोचैम
नई दिल्ली। एक वर्ष बीत जाने के बावजूद राजग सरकार राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों की खस्ताहाल स्थिति को सुधारने का कोई खाका पेश नहीं कर पाई है। बिजली वितरण क्षेत्र की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। इसका खामियाजा पूरा बिजली क्षेत्र और आम जनता भुगत कर रही है। कर्ज में दबी वितरण कंपनियां ज्यादा बिजली नहीं खरीद रही हैं। इससे पावर प्लांट क्षमता से काफी कम बिजली...
More »आईडी के बिना यूआईडी नहीं का घनचक्कर
अगर आपके पास पहले से ही दो पहचान-पत्र नहीं है तो बहुत संभव है कि आपको अपना तीसरा पहचान पत्र यानी आधार-नंबर भी ना मिले। आरटीआई की एक अर्जी के जवाब से खुलासा हुआ है कि बिना पहचान-पत्र वाले केवल 2 लाख 19 हजार लोगों को आधार नंबर दिया गया है जो जारी किए गए कुल आधार नंबर का केवल 0.03% है। (आरटीआई अर्जी के जवाब के लिए देखें नीचे दी गई...
More »जीडीपी का तड़का और 20 करोड़ लोगों की भुखमरी- आशुतोष ओझा
नई दिल्ली। मोदी सरकार पर कॉरपोरेट की पैरोकार होने के आरोप लगते हैं। ये आरोप सही हैं या गलत, इस पर बहस हो सकती है। लेकिन,सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी कैबिनेट जिस तरह उपलब्धियों का बखान और मीडिया के जरिए ढिंढोरा पीट रही है, वह संस्कृति निश्चित रूप से कॉरपोरेट जैसी ही लगती है। सरकार की बीते एक साल की उपलब्धियों के शोर...
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