न्यूजलॉन्ड्री, आज हमारी दुनिया में सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा है. दो हफ्ते पहले मैंने लिखा था कि कोविड-19 के कारण हुए इस आर्थिक विनाश के फलस्वरूप अब कई ऐसी समस्याएं खुलकर सामने आ रही हैं जो अब तक हमारी नजरों से ओझल थीं. मैंने उन प्रवासी मजदूरों की दिल दहला देने वाली हालत के बारे में लिखा था. वे पहले रोजगार की खोज में अपने गांवों को छोड़कर...
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एमएसपी से आधे कीमत पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 से लड़ने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन का असर मक्का किसानों पर देखने को मिल रहा है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तो दूर, मक्का बेचकर लागत तक नहीं मिल पा रहा है। इस वक्त मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन सिवनी के मोहन सिंह ने कृषि उपज मंडी सिमरिया पर 5 जून तो 1020 रुपए में अपना मक्का बेचा। कमीशन...
More »क्यों पूरे देश में फ़सलों का एक न्यूनतम समर्थन मूल्य होने से किसानों का नुकसान है
-द वायर, केंद्र सरकार ने हाल ही में रबी सीजन 2020-21 के लिए धान, ज्वार, बाजरा, मक्का समेत विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है. सरकार का दावा है कि उसने लागत का डेढ़ गुना एमएसपी निर्धारित किया है, हालांकि हकीकत ये है कि मोदी सरकार ने कम लागत मूल्य के आधार पर एमएसपी तय की है. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को सी2 लागत पर डेढ़...
More »पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर टिड्डे को खत्म करने का इच्छुक
-फसल क्रांति, पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर टिड्डों को नियंत्रित करने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन पाकिस्तान को संयुक्त रूप से टिड्डी संकट से निपटने के लिए नई दिल्ली के सुझाव का जवाब देना बाकी है। यह तब है जब इस्लामाबाद ने दावा किया है कि वह इस संकट से निपटने के लिए भारत सहित क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग कर रहा है जो इस क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा...
More »कोरोना से दुनिया में 100 करोड़ हो सकते हैं गरीब, भारत पर सबसे ज्यादा असर: रिपोर्ट
-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के चलते दुनिया भर में गरीबों की संख्या 100 करोड़ से ज्यादा हो जाएंगी। इसमें 39.5 करोड़ अत्यंत गरीब होंगे। और इसकी सबसे ज्यादा मार भारत पर पड़ने वाली है। इस बात का खुलासा यूनाइटेड नेशंस यूनीवर्सिटी वर्ल्ड इंस्टीट्यूट फॉर डवलपमेंट इकोनोमिक्स की रिसर्च रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया के विकासशील देश फिर से गरीबी का केंद्र बन सकते हैं। जहां पर...
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