यह कहानी संतोष डी सिंह की है जिन्होंने आईटी करियर छोड़कर डेयरी फ़ार्म उद्योग खड़ा किया, आज उनके उद्यम का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है। कंपनी : अमृता डेयरी फार्म्स संस्थापक : संतोष डी सिंह क्या खास : आईटी सेक्टर प्रोफेशनल द्वारा कम संसाधनों के साथ शुरू किया गया उद्यम जो समय के साथ कामयाब बिजनेस की शक्ल ले चुका है। बेंगलुरु से तकनीकी शिक्षा में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री लेने के...
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मौत को भी तमाशा बनाने की फितरत - गिरीश्वर मिश्र
भारत के सामाजिक इतिहास में यह घटना अविस्मरणीय रहेगी कि एक राजनीतिक-सामाजिक मंच के आयोजन के दौरान, जिसमें एक प्रदेश का नामचीन मुख्यमंत्री भी शिरकत कर रहा हो, दिनदहाड़े सबकी आंखों के सामने एक किसान पेड़ पर चढ़ता है, ऊंची डाल पर बैठता है, फांसी का फंदा बनाता है और उससे लटककर मौत को गले लगा लेता है। यह घटनाक्रम सभी देख रहे हैं, पर सभा पूर्ववत जारी रहती है।...
More »कारपोरेट खेती से किसका भला होगा- सुभाषचंद्र कुशवाहा
मानो फसलों की बर्बादी और किसानों की आत्महत्या ही काफी न हो, अब एसोचैम ने शोध प्रस्तुत किया है कि कॉरपोरेट और ग्रुप फार्मिंग ही छोटे किसानों को आपदाओं से बचाएगी। एसोचैम किसानों को राहत देने के पक्ष में नहीं है। उसकी मंशा कंपनियों को राहत देने की है। उसके मुताबिक, किसानों की जमीन औने-पौने दामों में कॉरपोरेट को सौंप देनी चाहिए। उसका मानना है कि कृषि ऋण लगातार बढ़ाने...
More »क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »फसल बर्बादी की हताशा में 31 और किसानों की मौत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम के उलटफेर से हुई फसलों की बर्बादी अब तक किसानों की अकाल मौत की वजह बनी हुई है। उजड़ी फसल और अपनों को खोने से गमजदा परिवार सांसत में हैं। आंधी-पानी से हुए नुकसान की कोई भरपाई होती न देख असहाय किसानों की या तो सदमे से मौत हो जा रही है या हताशा और निराशा में आत्महत्या कर रहे हैं। बीते 24 घंटे में...
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