गरीबी न सिर्फ भारत में है बल्कि दनिया के कई देश ऐसे हैं जहां के लोगों को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर तबके की मदद करने के लिए सॉफ्टवेयर की दुनिया के जाने-माने दिग्गज बिल गेट्स अब ने नायाब पहल शुरु की है, जिसके जरिए लोगों की गरीब दूर हो सकती है। जी हां, माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के फाउंडर बिल गेट्स...
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सरकारी अस्पतालों में गुम होकर रह गया है दर्द का रिश्ता - डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला
शिक्षा और स्वास्थ्य, ये दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति सुधरती नजर नहीं आती। सुधरेगी भी कैसे, जबकि शासकीय व्यवस्था का वही लापरवाह ढर्रा कायम हो और कर्मचारियों में अपने कर्तव्य का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन का कोई भाव नजर न आता हो। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमवाय में घोर लापरवाही की वजह से दो दिन में दो मासूम जिंदगियों के मौत...
More »राजस्थान ने सूखे से निपटने के लिए मांगे साढ़े दस हजार करोड
जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में सूखे के हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार से 10 हजार 537 करोड रूपए की आर्थिक सहायता की मांग की है। इसके साथ ही पेयजल परिवहन की व्यवस्था कराने की मांग भी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बताया कि राजस्थान में राज्य सरकार अपने अल्प वित्तीय संसाधनों से सूखे एवं पानी की कमी से...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
More »बने रोजगारपरक कर-प्रणाली--भरत झुनझुनवाला
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि आनेवाले समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या गहराती जायेगी. पिछले दो दशक में भारत में तीव्र आर्थिक विकास हुआ था. इस अवधि में 30 करोड़ युवाओं ने प्रवेश किया. तीव्र विकास के बावजूद इनमें आधों को ही रोजगार मिल सका है. ये सीमित रोजगार भी मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में मिले, जैसे रिक्शा चलाने में अथवा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में. ऐसे...
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