मोंगाबे हिंदी, 27 सितम्बर बिछड़ी गांव की सड़कों पर चहलकदमी करते हुए आपको ज्यादातर घरों के बाहर रखे या खिड़कियों पर लटके हुए सभी आकार के पानी के कंटेनर दिखाई देंगे। ऐसा ही एक घर गांव में रहने वाली 50 साल की आदिवासी महिला लहरी देवी का है। उनका घर आधा बना हुआ है। टिन के शेड से ढका हुआ है। लहरी देवी का घर राजस्थान के इस गांव में प्रवेश...
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किसान का 'जेंडर' ?
किसानों के ऊपर जब भी बात की जाती है तब उस बातचीत का दायरा इतना संकीर्ण क्यों हो जाता है ? सिर्फ ‘पुरुष’ किसान को ही किसानों का एकमात्र प्रतिनिधि मान लिया जाता है। ऐसा क्यों ? तमाम अखबारों से लेकर टीवी चैनलों के चित्रपटों पर ‘पुरुष’ किसान ही पूरे कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। क्या इस देश की खेती–बाड़ी में महिलाओं का कोई योगदान नहीं है...
More »उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की तबाही ने अवैध रेत खनन को किया उजागर
द थर्ड पोल , 27 सितम्बर जब जुलाई के पहले सप्ताह से अगस्त 2023 के आखिर तक उत्तराखंड में भारी बारिशों का दौर शुरू हुआ, कोटद्वार शहर को एक के बाद एक कई आपदाओं का सामना करना पड़ा। यहां खोह, सुखरो और मालन और पनियाली नदियां बहती हैं। नदियों में बाढ़ आई तो 13 जुलाई को मालन नदी पर बना पुल टूट गया। फिर 28 जुलाई को पनियाली नदी पर बना...
More »खनन की आय की वजह से बाघ संरक्षण से पीछे हट रही है छत्तीसगढ़ सरकार?
मोंगाबे हिंदी, 25 सितम्बर छत्तीसगढ़ में बाघों की लगातार कम होती संख्या के बीच, राज्य सरकार ने अपने दो टाइगर रिज़र्व को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बाघों का घर कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के कान्हा-किसली से लगे भोरमदेव अभयारण्य पर राज्य सरकार ने पहले ही विराम लगा दिया था। अब कोयला खदान के नाम पर, राज्य सरकार ने गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व को भी अटका दिया है। पिछले...
More »बगरीबारी: जहां नदी सबकुछ लील जाती है
पारी हिंदी, 23 सितम्बर हरेश्वर दास कहते हैं, ''जब पानी चढ़ता है, तो हमारी रूह कांपने लगती है.'' असम के बगरीबारी के इस रहवासी के अनुसार मॉनसून के महीनों में गांववालों को हमेशा सतर्क रहना होता है, क्योंकि पास की पुठिमारी नदी में जलस्तर बढ़ने से उनके घर और फ़सलें तबाह हो सकती हैं. उनकी पत्नी साबित्री दास बताती हैं, “हमें अपने कपड़े पैक करने होते हैं और बारिश होने की दशा...
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