मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...
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आबादी साढ़े चार लाख, डस्टबीन एक
गया: गया शहर यानी गयाजी, धार्मिक दृष्टिकोण से दुनिया में अलग पहचान. छोटे-बड़े 53 वार्ड, करीब पौने दो सौ गलियां व छोटी-बड़ी सड़कें. आबादी लगभग साढ़े चार लाख व हर रोज निकलता है 250 टन कचरा, पर नगर निगम के पास मात्र एक डस्टबीन है. यह है आपके शहर की सफाई व खूबसूरती का ख्याल रखने वाली व्यवस्था का हाल. जरा सोचिए, पब्लिक निगम को टैक्स देती है, सामान्य सुविधाओं, शहरी...
More »छत्तीसगढ़ खाद्यसुरक्षा कानून- कुछ तथ्य
21 दिसंबर को छत्तीसगढ़ ने खाद्य सुरक्षा कानून पारित किया। यह क़ानून राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से बेहतर है, जो एक साल से अधिक समय से संसद में पड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार, राज्य के 90% लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ता राशन मिलेगा। इनमे से अधिकतर लोग प्राथमिक या अन्त्योदय श्रेणी में होंगे और 35 किलो अनाज व 2 किलो दाल या चना...
More »सत्तू पिला कर बना करोड़पति
कोलकाता : यूपी-बिहार के लोगों का पसंदीदा आहार सत्तू को हर तबके में लोकप्रिय बनाने का उन्होंने जिम्मा उठाया.उन्होंने पारंपरिक सत्तू में औषधि मिला कर एक नये रूप में बाजार में उतारा, जो जंक फूड के आदी लोगों के लिए बेहतर पौष्टिक विकल्प बना और आज लाखों लोग उनकी चक्की का सत्तू पीकर दिन की शुरूआत करते हैं. यह कहानी है एनवीआर ग्रुप के सीएमडी संजय सिंह राठौर का.महज एक लाख रुपये से...
More »पूर्व श्रम मन्त्री की फ़ैक्ट्री में श्रम क़ानून ठेंगे पर!- आनंद की रिपोर्ट
ज़रा सोचिये कि उस स्थिति में क्या होगा, जब श्रम मन्त्री ही अपनी फ़ैक्ट्रियों में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने तरीके से मज़दूरों के श्रम का शोषण करते हों। जी हाँ, यह चौंकाने वाली बात है फरवरी 2011 तक दिल्ली के श्रम मन्त्री रहे मंगतराम सिंघल की, जिनका कि दाल, राजमा, छोले, चना, अरहर वगैरह तरह-तरह की दालों का बहुत बड़ा कारोबार है। पूर्व श्रम मन्त्री महोदय की फ़ैक्ट्रियों में अपनी ही...
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