पिछले एक सप्ताह से दिल्ली के अतिविशिष्ट इलाके लुटियन जोन के नल रीते थे, कारण हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश कर रही यमुना इतनी जहरीली हो गई थी कि वजीराबाद व चंद्रावल के जल परिशोधन संयंत्र की ताकत उन्हें साफ कर पीने लायक बनाने के काबिल नहीं रह गई थी। वैसे तों दिल्ली भी यमुना को ‘रिवर' से ‘सीवर' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती, लेकिन इस बार हरियाणा के...
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उम्मीद जगाती है पर्यावरण संरक्षण की यह सतर्कता
अब जब साल खत्म होने को है, सामान्य सी बात है कि हम अतीत पर नजर डालें, सोचें कि क्या अच्छा हुआ, क्या नहीं। बेहतर तो यही होगा कि हम यह देखें कि पर्यावरण और हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए क्या पहल हुई? पर्यावरण सूचकांक भले ही मंदा दिखे, लेकिन इस एक साल में कुछ ऐसा भी हुआ, जो उम्मीद जगाता है। यह उदाहरण उत्साहित करने वाला है- अमेरिकी मूल...
More »जलवायु: मौसम का पक्ष-विपक्ष-- अखिलेश आर्येंन्दु
धूप-छांव, गरमी-बरसात का आना-जाना प्राकृतिक संतुलन के लिए जरूरी है। धरती पर जीवन के लिए ये मौसम उतने ही जरूरी हैं जितना की हमें जिंदा रहने के लिए जल और भोजन। यों तो हमारी जलवायु के हिसाब से बारह महीने में तीन मौसम-जाड़ा, गरमी और बरसात प्रमुख हैं। उनका अपना अलग रंग-ढंग है। हर मौसम की अपनी खामी और खूबी होती है। सभी मौसमों में हमें कुछ सुखद अहसास होते...
More »प्रदूषण की चपेट में समुद्री जीवन-- अरविन्द कुमार सिंह
हाल ही में ‘नेचर जियोसाइंस' पत्रिका का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि वायु प्रदूषण की वजह से समुद्री जीवन विषैला बन रहा है। यह खुलासा स्पेन के वैज्ञानिकों ने किया है। उनके शोध के मुताबिक जीवाश्म र्इंधन का उपयोग, औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन और जंगल की आग समुद्री जीवन को जहरीला बना रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि इनसे उत्सर्जित पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएचएस) नामक घातक रसायन...
More »क्या कृत्रिम वर्षा कराने से प्रदूषण कम होगा-- भारत डोगरा
वह कोहरा फिर से दिल्ली, एनसीआर ही नहीं उत्तर भारत के कई हिस्सों में छाता जा रहा है, जो धुएं से मिलकर एक खतरनाक मिश्रण बनता है, जिसे स्मॉग कहते हैं। यह स्मॉग ट्रेनों, वायुयानों और सामान्य ट्रैफिक के आवागमन में बाधा तो पैदा करता ही है, साथ ही प्रदूषण को एक खतरनाक स्तर तक ले जाता है। सर्दी आते ही इन तमाम शहरों के बच्चे-बूढ़े सब इसी स्मॉग के...
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