जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
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गांवों की अनदेखी से विकास असंभव- उमेश चतुर्वेदी
उदारवादी अर्थव्यवस्था के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था यदि खेती-किसानी और उसके जरिये जीने वाले गांवों पर टिकी हुई है, तो मान लेना होगा कि हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयता की परंपरा अब भी बनी हुई है। आर्थिक नीतियों की कामयाबी और नाकामी का पैमाना अब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडी की रिपोर्टों और उनके आकलन के आधार पर तय होता है। हाल ही में मूडी...
More »दालों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, बोनस भी मिलेगा
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को साल 2015-16 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इसे मंजूरी दे दी है। सोयाबीन की एमएसपी में 40 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसकी एमएसपी अब 2,560 की जगह 2,600 रुपए प्रति क्विंटल होगा। यह बढ़ोतरी केवल पीली सोयाबीन पर लागू होगी। तुअर की एमएसपी में 75...
More »मई में खुदरा के बाद थोक महंगाई दर भी बढ़ी
नयी दिल्ली : मई महीनें में खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी वृद्धि दर्ज की गयी है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोडी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी. अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी. गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में खास कर ईंधन, खाद्यों तथा विनिर्मित उत्पादों की...
More »लक्ष्य 73 हेक्टेयर का, खेती हुई 65 हेक्टेयर में !
बिलासपुर(निप्र)। धान-गेहूं, दलहन-तिलहन समेत अन्य रबी फसलों की खेती में इस बार कृषि विभाग लक्ष्य से पीछे रहा। वर्ष 2014-15 में 73.090 हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य प्रस्तावित था, लेकिन 65.441 हेक्टेयर में ही खेती की गई। कृषि विभाग हर खरीफ और रबी की खेती में लक्ष्य बनाकर चलता है, लेकिन लक्ष्य के हिसाब से आपूर्ति नहीं हो पाती और नहीं उत्पादन होता है। इस रबी फसल में धान-गूूंह, दलहन-तिलहन...
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