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मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

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इस साल कम वृद्धि का आधार ही आर्थिक सूखे की समाप्ति को सुनिश्चित करेगा

भारतीय रिज़र्व बैंक, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विभिन्न रेटिंग एजेंसियां, निवेश बैंक और कई अन्य संस्थान आर्थिक वृद्धि के अपने पूर्वानुमानों में दनादन संशोधन कर रहे हैं. इनमें से लगभग सभी को इस वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत या इससे दशमलव एक या दो प्रतिशत कम-ज़्यादा रहने का भरोसा है. अधिकांश प्रेक्षक इस दर को निराशाजनक मानते हैं क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले...

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गरीबों के जीवन का अर्थशास्त्र-- नीरंजन राजाध्यक्ष

सड़क पर डोसा बेचने वाली महिला के पास एक भूखे अर्थशास्त्री के जाने का जिक्र भला क्यों होगा, जब तक कि वह अर्थशास्त्री अभिजीत वी बनर्जी न हों। ऐसा आंध्र प्रदेश के छोटे से शहर गुंटूर के एक गरीब इलाके में हुआ था। असल में, सुबह के करीब नौ बजे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) का यह 49 वर्षीय प्रोफेसर नाश्ते के लिए डोसा खरीदने गया था। सड़क पर ताजा...

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रैंकिंग में और पिछड़ी उच्च शिक्षा -- हरिवंश चतुर्वेदी

भारत सरकार द्वारा देश के विश्वविद्यालयों को स्पद्र्धा-योग्य बनाने के प्रयासों को ब्रिटेन की ‘टाइम्स हायर एजुकेशन' द्वारा घोषित 2020 की विश्वविद्यालय रैंकिंग सूची से धक्का लगा है। पिछले एक दशक से मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे थे, ताकि भारत के नामचीन विश्वविद्यालय शीर्ष स्तर पर जगह बना सकें। पिछले साल लागू की गई इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस (आईओई) नामक बहुचर्चित योजना का तो यह प्रमुख लक्ष्य...

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क्या सचमुच सरकार ने किसानों को फसल की लागत का ड्योढ़ा मूल्य दिया है?

आर्थिक मामलों की काबीना समिति की हाल की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक साल 2019-20 में बिक्री के लिए तैयार खरीफ की तमाम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से कम से कम 50 फीसद ज्यादा घोषित किया गया है.   नये बजट के पेश होने के दो दिन पहले जारी इस आधिकारिक घोषणा से ऐसा जान पड़ता है मानो केंद्र की नयी सरकार ने अपना वादा निभाया है और किसानों को उनकी फसल...

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