कानपुर, संवाददाता : गंगा को प्रदूषित करने में सरकारी व्यवस्था भी बराबर की भागीदार है। नगर निगम ने जब कॉमन क्रोम रिकवरी प्लांट में आज तक ड्रम ड्रायर ही नहीं लगाये हैं तो भला टेनरियों द्वारा चर्म शोधन में इस्तेमाल किये गये क्रोमियम युक्त पानी से दोबारा क्रोम कैसे निकलेगा। यही वजह है कि टेनरी संचालक अपना क्रोमियम युक्त दूषित उत्प्रवाह प्लांट को न देकर नालों व नालियों में बहा...
More »SEARCH RESULT
वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
More »बोतलबंद पानी का घातक कारोबार
नई दिल्ली [शेखर]। चढ़ते पारे ने पानी का संकट बढ़ा दिया है और पानी के संकट ने पानी के कारोबार को काफी मजबूत कर दिया है। जब सरकारी स्तर पर यह बात आने लगी कि पीने का साफ पानी नहीं मिल सकता है तो पानी के कारोबारियों के मन के हिसाब से माहौल बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी से संबंधित कारोबारों में उफान आने लगा। इनमें सबसे ज्यादा कारोबार बढ़ा बोतलबंद पानी का।...
More »गंगा को राइन सा करने का सपना
देहरादून [जागरण संवाददाता]। उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि में करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए सरकार ने स्पर्श गंगा अभियान शुरू किया है। इसके तहत नदी को स्वच्छ बनाने के लिए वही तौर-तरीके अपनाए जाएंगे, जिनकी बदौलत फ्रांस की राइन नदी स्वच्छ नदियों में शुमार हो चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा के पानी की मानीटरिंग के लिए देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक चार-पांच जगह...
More »