अनियोजित शहरीकरण आज किसी एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना...
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आधार पर निराधार हैं आपत्तियां - रविशंकर प्रसाद
देश की विकास यात्रा में आधार क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह बिचौलियों व भ्रष्टाचार को खत्म कर गरीबों तक उनका हक पहुंचा रहा है। डिजिटल समावेशन व डिजिटल सशक्तीकरण डिजिटल इंडिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिन्हें हासिल करने में आधार अहम भूमिका निभा रहा है। यह सुरक्षित होने के साथ-साथ डिजिटल इंडिया के परिवर्तनकारी व समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक किफायती और सशक्त माध्यम...
More »पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं
भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...
More »स्त्री छवि का उनका खांचा-- मनीषा सिंह
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे खुले समाजों वाले देश 'कंटेंट वॉटरशेड टाइमिंग' जैसे तरीके का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित करते हैं कि टीवी पर ऐसी फिल्मों, धारावाहिकों और विज्ञापनों का प्रसारण उस वक्त न हो, जिस वक्त आम तौर पर बच्चे टीवी देख रहे होते हैं। इन विकसित देशों में भी ऐसी पाबंदी के पीछे यह धारणा काम कर रही है कि खुले समाज का अर्थ यह नहीं है कि वयस्क...
More »80 की उम्र में जुनून के साथ कर रहे खेती, सालाना कमाई 4 लाख
कटनी। नईदुनिया प्रतिनिधि उम्र 80 वर्ष की और खेती का जुनून ऐसा की युवा किसान भी हैरान हो जाए। ये कहानी मझगवां में रहने वाले किसान अट्ठी लाल कुशवाहा की है जो 80 उम्र खेती कर रह रहे हैं और उसी से हर वर्ष लगभग 4 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। उनका सब्जी का व्यवसाय जिले तक सीमित नहीं रहकर पड़ोसी जिले उमरिया और उसके आगे शहडोल तक पहुंच...
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