हमारा समाज एक ऐसी दिशा की ओर बेलगाम अग्रसर होता जा रहा है, जहां सब कुछ या तो बहुसंख्यक के लिए ही हो रहा है, या आवाज उठा सकनेवालों के लिए ही हिस्सेदारी बच रही है. जो मूक हैं, या मासूम हैं, उनके लिए कुछ भी नहीं बच रहा है. आज प्रकृति-जीव और बच्चे सामूहिक संहार के शिकार हो रहे हैं, क्योंकि वे अपनी भाषा मनुष्यों को समझा नहीं सकते....
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हाईकोर्ट के निर्देश, गुम बच्चों की तलाश के लिए बनाएं कमेटी
बिलासपुर, ब्यूरो। हाईकोर्ट ने राज्य बनने के बाद गायब हुए नाबालिग बालक व बालिकाओं की तलाश के लिए कमेटी बनाने का आदेश दिया है। कमेटी में सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी सदस्य होंगे। यह कमेटी मामले की जांच कर पुलिस को कार्रवाई का निर्देश देगी। हाईकोर्ट ने प्रदेश में गायब हुए नाबालिग बच्चों के संबंध में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए शासन...
More »जुगाड़ का मोहताज न बने लोकतंत्र - मृणाल पांडे
क्या इसे महज एक संयोग माना जाए कि देश की तकरीबन हर पार्टी और राजनीति में आकंठ निमग्न शीर्ष नेता के कुटुंबों के भीतर और पार्टी के असंतुष्टों के बीच की भीषण तनावमय टूट इन दिनों शर्मनाक झगड़ों में तब्दील हो-होकर चौरस्तों पर बिखर रही है? एक न एक दिन तो यह होना ही था। वजह यह कि गए कई दशकों में जवान होता लोकतंत्र हमारे बीच राजनीति से अर्थनीति...
More »मध्य प्रदेश-- अधिकारियों के सामने बच्चों से कराई जा रही है मजदूरी
भगवां। स्थानीय जनपद क्षेत्र में बाल श्रम कानून का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के मुखिया पंचायती विकास कार्यो में बच्चों से मजदूरी करा रहे हैं और जिम्मेदार विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। ग्राम पंचायत झिंगरी में सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्य में किशोर व किशोरियों को मजदूरी में लगाया गया है। ग्राम पंचायत झिंगरी में विगत कुछ दिनो से सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण जारी...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
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