SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 248

कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना- पत्रलेखा चटर्जी

जिस देश में मोबाइल फोन की संख्या निजी टॉयलेट से कहीं अधिक है, वहां स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की रातोंरात अपेक्षा नहीं की जा सकती। लोगों की सहभागिता के बगैर इसमें कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी होगा, और यह संवाद के जरिये ही मुमकिन है। एक मित्र की टिप्पणी थी कि अगर कोई झाड़ू कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती, तो इन दिनों इसके शेयर आसमान छू रहे होते। महात्मा...

More »

'सफेद सोना" बनता जा रहा है दूध - धर्मेंद्रपाल सिंह

भोपाल को-ऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन ने सांची दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। इससे पहले मदर डेयरी और अमूल दूध के दाम बढ़ाए गए थे। चार महीने के भीतर दूध के दाम दूसरी बार बढ़े हैं। सबसे पहले गुजरात को-ऑपरेटिव दूध विपणन महासंघ ने अमूल दूध का भाव दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की घोषणा की थी। देश की इस सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव की देखा-देखी अन्य दूध उत्पादकों...

More »

विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

More »

नई ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में- गौतम घोष

जल्दी ही हम नई सरकार चुन लेंगे और देश का अगला प्रधानमंत्री भी। धूमधाम से मतदान का लोकतांत्रिक पर्व निपट जाएगा। आजादी के 67 वर्षों बाद भी हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यह गर्व की बात है। पर आज हमारे सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। हम देशवासियों के सामने प्रश्न खड़ा है कि सिर्फ सांविधानिक अधिकारों के प्राप्त हो जाने से ही हमारा संविधान और लोकतंत्र सफल मान लिया...

More »

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस: खत्म हो सकेगी बाल मजदूरी?

नौ वर्ष की 'मिली' (बदला हुआ नाम) को भी दूसरे बच्चों की ही तरह रोज सुबह जल्दी उठना पड़ता है, और जल्दी-जल्दी तैयार होना पड़ता है। हालांकि अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह वह स्कूल जाने के लिए तैयार नहीं होती, बल्कि काम पर जाने के लिए तैयार होती है। मिली एक घर में खुद से आधी उम्र की एक अन्य बच्ची की देखभाल का काम करती है। जिस उम्र में अधिकांश बच्चे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close